विश्व णमोकार महामंत्र जाप ने रचा इतिहास

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विश्व णमोकार महामंत्र जाप ने रचा इतिहास
भारत समेत 106 देशों में एक साथ किया जाप का आयोजन
यमुनानगर, 14 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
भारत समेत विश्व भर में णमोकार महामंत्र की गूंज उठी, पूरे विश्व में एक साथ इस महामंत्र का जाप किया गया। यह आयोजन जीतो द्वारा भारत समेत 106 देशों में किया गया। देश के विभिन्न भागों की तरह यमुनानगर जिले के सभी जैन मंदिरों व स्थानक णमोकार महामंत्र का पाठ किया गया। एक साथ इस महामंत्र के जाप से संसार में एक पॉजिटिव ऊर्जा आई। भारत एवं 100 देशों से ज्यादा में रहने वाले लाखों के जैन अनुयायियों के लिए यह दिन अपने आप में ऐतिहासिक बना। क्योंकि इस दिन भारत के धानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी विज्ञान भवन नई दिल्ली में नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस आयोजन में मोदी जी की उपस्थिति से जीतो के पदाधिकारी सदस्यों एवं सकल जैन समाज के अग्रणियों ने खुशी जाहिर की। नवकार महामंत्र दिवस का वैश्विक स्तर पर होने वाला यह आयोजन केवल एक आध्यात्मिक समागम ही नहीं, बल्कि जीतो संगठन और जैन समाज के लिए बहुत गौरव का क्षण माना जा रहा है। अजय जैन, राकेश जैन, नरेन्द्र जैन, संयज जैन, देवेन्द्र आदि पदाधिकारियों ने बताया कि नवकार महामंत्र शांति, करुणा और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। नवकार महामंत्र दिवस एकता और प्रतिबद्धता के साथ जैन समाज के धार्मिक इतिहास में नया अध्याय बन कर आने वाली पीढिय़ों के लिए एक लेखनीय मिसाल कायम करने करेगा। इस अवसर पर जैन समाज के गणमान्य व्यक्ति महिलाएं व बच्चे उपस्थित रहे।
फोटो नं. 1 एच.
णमोकार महामंत्र का पाठ करते श्रद्धालु………………..(डा. आर. के. जैन)

गोष्ठी के माध्यम से छात्राओं को दी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र की जानकारी
यमुनानगर, 14 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
पंचनद शोध संस्थान द्वारा महारानी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर समाजसेवी एवं राष्ट्रीय पुरस्कार से अलंकृत सेवानिवृत्त प्राचार्य सरदार सुरमुख सिंह गिल की अध्यक्षता में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जगाधरी में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी परमजीत गर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे तथा सेवानिवृत्त प्राचार्य सुरेश पाल मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। मुख्य वक्ता सुरेश पाल ने महारानी अहिल्याबाई होलकर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक छोटे से गांव की साधारण सी लडक़ी से समाज, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित, दयालु, न्याय प्रिय, वीर, धार्मिक, सामाजिक, पराक्रम, कुशल प्रशासक एवं संगठन कर्ता, अपने व्यक्तित्व कौशल से मराठा साम्राज्य को सुदृढ बनाने वाली राजमाता, पुण्यश्लोक, होलकर साम्राज्य की रानी बनने तक का सफर करने वाली अहिल्याबाई का जन्म महाराष्ट्र में बीड़ जिले के चौढी गांव में 31 मई सन 1725 हुआ था। उन्होंने कहा कि महारानी अहिल्याबाई ने अपनी बुद्धि, करुणा और न्याय प्रियता, दूरदर्शिता और कुशल प्रशासक से एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया। स्त्री शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए भरपूर प्रयास करते हुए सडक़ों पुलों और सार्वजनिक भवनों का निर्माण, उद्योगों का प्रसार नृत्य एवं लोकगीत के लिए कार्य किया। उन्होंने 100 से ज्यादा मंदिर 30 से ज्यादा धर्मशालाओं, घाट और कुओं का निर्माण कराया। अपने शौर्य, विवेक और पराक्रम से अपना नाम कुछ उन महिला शासकों में दर्ज कराया जो सुशासन करने के साथ-साथ दुनिया में प्रसिद्ध थी। गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि परमजीत गर्ग में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर का चरित्र और शासन कल्याण, राष्ट्रभक्ति, शिक्षा और अच्छी सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को प्रदान करने में उनका जीवन हमें याद दिलाता है कि सच्चा नेतृत्व केवल सत्ता पर काबिज होने के बारे में नहीं है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की रक्षा और उत्थान के बारे में उनको याद करके हम अधिक समता पूर्ण, समरस, सहिष्णु और समृद्ध समाज के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। उनका योगदान न केवल राजनीतिक और प्रशासनिक था, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अनमोल था। गोष्टी के अध्यक्ष सुरमुख सिंह गिल ने कहा की देवी अहिल्याबाई एक अद्वितीय शासक थी, जिन्होंने अपनी जनहित की देसी और कल्याणकारी नीतियों दृष्टिकोण और सुशासन के माध्यम से भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया उनके उनका जीवन और कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विद्यालय की प्रवक्ता सुरेंद्रो देवी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखें। विद्यालय के प्राचार्य सुरेंद्र सिंह ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया तथा कहा की लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन नारी सशक्तिकरण, सुशासन, सेवा व आध्यात्मिकता के पथ पर हमेशा दिशा दिखाता रहेगा। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष सुरेश पाल, सरस्वती नगर के कार्य वाहक खंड शिक्षा अधिकारी पीरथी सैनी, सेवानिवृत प्राचार्य सतीश शर्मा, रामपाल, अध्यापक करण सिंह, विक्रम सिंह व अध्यापक उपस्थित रहे।
फोटो नं. 2 व 3 एच.
मंचासीन पदाधिकारी व उपस्थित छात्राएं………………..(डा. आर. के. जैन)

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