विश्व में सूर्य व चंद्रमा सदैव चलते ही रहते हैं

0
20

/जैन मुनि श्री श्रुतेश सागरजी महाराज/
नैनवा जिला बूंदी 21 अक्टूबर सोमवार
वर्षा योग में जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने धर्म सभा को प्रवचन करते हुए बताया
विश्व में सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सदैव चलते रहते हैं और रुकने का नाम नहीं लेते दिन और रात का उदय होने का इनके द्वारा ही मालूम होता है
मुनि ने बताया कि संसार में दो मेहमान ऐसे होते हैं जो कभी रुकते ही नहीं है धन व यौवन धन भी मनुष्य को कब प्राप्त हुआ योवन भी जीवन में कब आया और कब चला गया उसे मालूम ही नहीं होता
इस पृथ्वी पर पापी व पुण्य जीव दोनों ही उत्पन्न होते हैं दोनों का ही पृथ्वी पर अंतिम संस्कार किया जाता है ठीक उसी प्रकार पेड़ पर मीठे-मीठे फल लगने पर उन्हें पत्थर मार कर गिराया जाता है फिर भी बदले में फल देता है
मनुष्य के शरीर में ऐसी रचना है जिनको जितना काटा जाए उतरे ही बढ़ते जाते हैं नाखून बाल
जैन मुनि ने यह भी बताया दिगंबर संत एक कल्पवृक्ष के समान होते हैं जो भक्त को आशीष में सब कुछ दे जाते हैं और भक्त आशीष से संसार की सभी वस्तुएं प्राप्त करता ही चला जाता है
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु मुनि ने अहंकार को बताया अहंकार होने पर मनुष्य का पतन का मार्ग है जिस प्रकार आईना सदैव वैसा ही रहता है केवल तस्वीर बदलती है
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर सरावगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here