विश्व जल निगरानी दिवस – विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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हमारा विश्व पंचमहाभूतात्मक पृथ्वी जल ,वायु ,हवा (आकाश )अग्नि हैं .प्रकति ने हमें सबके लिए समान अवसर दिए और हमारा दायित्व हैं इनका समानता से उपयोग करे पर मानव की तृष्णा /भूख इतनी अधिक हैं की उन्होंने इतना यहां किया की इनके ऊपर निगरानी करने की जरूरत आ पडी .प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकतानुसार दोहन /उपयोग करना चाहिए पर विगत के वर्षों से इनका इतना अधिक दुरूपयोग किया गया हैं की आने वाला समय बहुत कष्टकारी होगा .अभी जारूकता की जरूरत हैं .यह चेतावनी भी हैं .इनके कम होने का अविकल्प हमारे पास नहीं हैं और ना होगा .
आज जल और वायु से होने वाले रोगों का बहुत अधिक प्रादुर्भाव हैं और हमारा धन, समय रोगों से लड़ने और चिकित्सा में जा रहा हैं .पहले घरो घर कुआँ होते थे ,जो आज कचरा घर बन गए .तालाबों के ऊपर भवन बन गए .ये प्राकृतिक संसाधन से थे ,नदियों के पानी का दुरुपयोग और रेत उत्खनन के कारण उथली होने लगी .जंगलों की कटाई से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं .हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना होगा .
दुनिया भर में जल की निगरानी और जल संसाधनों की सुरक्षा में सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए 2003 से हर साल 18 सितंबर को विश्व जल निगरानी दिवस मनाया जाता है।
यह दिन दुनिया भर में जल की निगरानी और जल संसाधनों की सुरक्षा में सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
इस कार्यक्रम को बाद में “”विश्व जल निगरानी चुनौती”” और “”अर्थ इको जल चुनौती”” का नाम दिया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों को अपने स्थानीय जल निकायों की बुनियादी निगरानी करने के लिए सशक्त बनाकर दुनिया भर में जल संसाधनों की रक्षा में सार्वजनिक जागरूकता और भागीदारी का निर्माण करना है। .
विश्व जल निगरानी दिवस सभी उम्र के लोगों को स्थानीय नदियों, नालों, खाड़ियों और अन्य जल निकायों की स्थिति की निगरानी में संलग्न करता है।है।
इतिहास:
यह दिन 2003 में अमेरिका के क्लीन वाटर फाउंडेशन (America’s Clean Water Foundation – ACWF) द्वारा एक वैश्विक शैक्षिक आउटरीच कार्यक्रम के रूप में नागरिकों को उनके स्थानीय जल निकायों की बुनियादी निगरानी करने के लिए संलग्न करके स्थापित किया गया था। यह आयोजन अब जल पर्यावरण संघ और अंतर्राष्ट्रीय जल संघ द्वारा समन्वित है।
रॉबर्टा (रॉबी) सैवेज, ACWF के अध्यक्ष और सीईओ ने WWMD बनाया, और एडवर्ड मोयर पहले WWMD समन्वयक थे
एक साधारण परीक्षण किट हर किसी को, बच्चों और वयस्कों को, तापमान, अम्लता (पीएच), स्पष्टता (मैलापन) और घुलनशील ऑक्सीजन (डीओ) सहित पानी की गुणवत्ता के मापदंडों के एक सेट के लिए स्थानीय जल निकायों का नमूना लेने में सक्षम बनाती है। कम लागत वाली परीक्षण किट खरीदने की जानकारी वर्तमान प्रायोजक संगठन, अर्थ इको इंटरनेशनल से उपलब्ध है, और निगरानी घटनाओं के परिणाम प्रायोजक की वेबसाइट पर दुनिया भर में भाग लेने वाले समुदायों के साथ साझा किए जाते हैं।
विश्व जल निगरानी दिवस मूल रूप से प्रतिवर्ष 18 सितंबर को मनाया जाता था। अमेरिकी स्वच्छ जल अधिनियम की वर्षगांठ को मान्यता देने के लिए शुरू में इस तारीख को एक महीने बाद (18 अक्टूबर) चुना गया था, जिसे 1972 में कांग्रेस द्वारा देश की सुरक्षा और बहाली के लिए अधिनियमित किया गया था। जल संसाधन। 2007 में, दुनिया के उन हिस्सों में भागीदारी की सुविधा के लिए तारीख बदल दी गई थी, जहां उस समय तापमान जमा देने वाली स्थिति तक पहुंच जाता है।
2006 में, ACWF ने आयोजन का समन्वय जल पर्यावरण महासंघ (WEF) और अंतर्राष्ट्रीय जल संघ (IWA) को हस्तांतरित कर दिया। सामूहिक लक्ष्य 2012 तक 100 देशों में दस लाख लोगों की भागीदारी का विस्तार करना था। जनवरी 2015 में विश्व जल निगरानी दिवस का प्रबंधन अर्थ इको इंटरनेशनल को स्थानांतरित कर दिया गया था।
2008 में इंडोनेशिया से अर्कांसस तक के छात्रों ने पानी की गुणवत्ता के महत्व पर ध्यान आकर्षित करने के लिए पानी के नमूने लेने में भाग लिया।
2018 तक, अर्थ इको इंटरनेशनल प्रतिभागियों को प्रत्येक वर्ष 22 मार्च (विश्व जल दिवस) और दिसंबर के बीच किसी भी अवधि के दौरान “अर्थ इको वाटर चैलेंज” के हिस्से के रूप में अपनी निगरानी गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संस्थापक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट ,होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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