विश्व इतिहास में प्रथम बार. आचार्य प्रसन्नसागरजी महाराज के सानिध्य मे दस दिवसीय अखंड जिनसहस्त्रनाम पाठ, भगवत जिनेन्द्र महाअर्चना एवं मंत्रानुष्ठान महोत्सव आयोजन.

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विश्व इतिहास में प्रथम बार.   आचार्य  प्रसन्नसागरजी महाराज के सानिध्य  मे  दस दिवसीय अखंड जिनसहस्त्रनाम पाठ, भगवत जिनेन्द्र महाअर्चना एवं मंत्रानुष्ठान महोत्सव आयोजन.                                   औरंगाबाद  संवादात नरेंद्र  अजमेरा पियुष कासलीवाल.              दस दिवसीय अखंड जिनसहस्त्रनाम पाठ, भगवत जिनेन्द्र महाअर्चना एवं मंत्रानुष्ठान महोत्सव आयोजन    _श्री 1008 विघ्नहर पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कुलचारम, मेदक (तेलंगाना)
 प्रातः कालीन पूजन 24_तीर्थकर आराधना
भव्य ध्वजा रोहण समस्त संघ सानिध्य मे संपन्न हुआ
अभिषेक शांतिधारा
विश्व इतिहास में प्रथम बार दस दिवसीय अखंड जिनसहस्त्रनाम पाठ, भगवत जिनेन्द्र महाअर्चना एवं मंत्रानुष्ठान महोत्सव का हुआ भव्य मंगल शुभ आरम्भ!
आहारचार्य उपवास
गौ ग्रास सेवा
अष्टद्रव से गुरुपूजन   विश्व इतिहास में प्रथम बार दस दिवसीय अखंड जिनसहस्त्रनाम पाठ, भगवत जिनेन्द्र महाअर्चना एवं मंत्रानुष्ठान महोत्सव कुलचाराम हैदराबाद  की गई ईस  अवसर पर आचार्य  प्रसन्नसागर ने कहाॅ  की
आधी ज़िन्दगी गुजार दी हमने पढ़ते पढ़ते..
और स्वाध्याय करते करते और हमने सीखा क्या-?
सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाना।
अब समय है खुद को बदलने का, स्वयं में परिवर्तन लाने का, लेकिन हमें ये कतई पसंद नहीं है। आज हम देखकर भी देखतें नहीं है। सुनकर भी नहीं सुनते हैं। पढ़कर भी कहाँ पढ़ते हैं। हम वही देखते हैं जो हमे देखना है। हम वही सुनते हैं, जो सुनना है, और हम पढ़ते भी वही हैं जो पढ़ना है।
ग्रन्थों की बातें वयष्टि व समष्टि के लिए मंगलकारी है। दूसरों को प्रभावित करना, कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। ये काम तो डमरू बजा कर मदारी भी कर लेता है। महावीर भगवान का अमृत वचन है कि दुनिया को जीतने वाला सिर्फ वीर होता है, लेकिन अपने आप को मान, सम्मान, अपमान को जीतने वाला महावीर होता है। दूसरों को दर्पण दिखाने के पहले, स्वयं अपना मुँह एक बार दर्पण में देखें। दूसरों को प्रभावित करना आसान है, परन्तु स्वयं में, स्वयं से प्रभावित होना, बहुत कठिन काम है।
विश्व में विजय पताकाएं गाड़ने वाला सम्राट सिकन्दर भी जीवन के अन्तिम क्षणों में, अनुभव करता था कि वह दुनिया को जीतकर भी अपने आप से हार गया। जिन्दगी में वो मुकाम हासिल करो, जहाँ लोग तुम्हें Block नहीं, Search करें…!!!।  नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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