शिरोमणि गुरुदेव आचार्य विद्यासागर महाराज की समाधि समाचारों से यहसंपूर्ण भारतवर्ष के दिगंबर जैन समाज ही नहीं अजेन भाइयों की आंखों में भी अश्व धारा बहने लगी ऐसे समाचार सुनकर
आपकी धर्म साधना बहुत ही त्याग संयम का मार्ग था सभी वस्तुओं के आप त्यागी से सभी जीवों पर परोपकार की भावना मनुष्य ही नहीं जियो पर भी आपके द्वारा अनेको जगह गौशालाएं प्रारंभ कराकर पशुओं जीवन के लिए बहुत बड़ा दान कार्य आपके द्वारा किए हैं
लोग कहते हैं हमारे जैन धर्म के बहुत बड़े संत चले गए हैं मैं करता हूं संत सदैव हमारी आत्मा में है कभी आत्मा से दूर नहीं हो सकते उनके शरीर से आत्मा निकल कर गई है उनके द्वारा दिए गए सत उपदेश प्राणी मात्र का कल्याण करने वाले हैं उनके बताओ हुए मार्ग पर हम चले
यही हमारे गुरु के लिए हमारी विनय विन्यांजलि होगी
हम अरिहंत प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि उनको अपने चरणों में निश्चय रूप से स्थान देकर मोक्ष मार्ग प्रदर्शित करें
ओम शांति ओम शांति ओम शांति
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर कुमार जैन सरावगी नैनवा
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