जैन समाज द्वारा की गई महा आरती
मुरैना (मनोज जैन नायक) राष्ट्रसंत दिगम्बराचार्य विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर जैन समाज मुरैना द्वारा विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया ।
विनयांजलि सभा में विद्वत नवनीत जैन शास्त्री ने बताया कि पूज्य आचार्यश्री ने अपना पूरा जीवन अहिंसा एवं शाकाहार के प्रचार प्रसार में लगाया । पूज्यश्री सदैव ही स्वदेशी वस्तुओं पर जोर देते थे । पूज्य गुरुदेव की पावन प्रेरणा से आज भारतवर्ष में सैकड़ों गौशालाओं का संचालन हो रहा है एवं हाथकरघा द्वारा निर्मित स्वदेशी वस्त्रों का उपयोग भी गुरुदेव की प्रेरणा का ही प्रतिफल है ।
संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य चक्रेश जैन शास्त्री ने बताया कि गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज इस युग के भगवंत स्वरूप थे । आपने हजारों लोगों को नियम दिलवाकर शराब एवं व्यसन मुक्त किया था । संयम के पथ पर चलने की प्रेरणा देते हुए पूज्य आचार्यश्री ने अपने जीवनकाल में हजारों लोगों को जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की ।
संत शिरोमणि गुरुवर आचार्य भगवन108 विद्यासागर महा मुनिराज का प्रथम समाधि दिवस दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर मुरैना में आयोजित विनयांजलि सभा में सर्वप्रथम महामुनिराज की 11 दीपकों से आरती की गई । तत्पश्चात 48 दीपकों से भक्तांबर माह अर्चना का आयोजन किया गया ।
आचार्य श्री का प्रथम समाधि दिवस को पूरे भारत में जोर शोर से मनाया गया इस प्रथम समाधि दिवस के अवसर पूरे भारत में जैन मंदिरों अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए गए । सभी बंधुओं ने पूजन के माध्यम से आचार्य श्री का गुणगान किया । आचार्य श्री ने सभी समुदायों के लोगों को धर्म उपदेश दे सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाया । धर्म के साथ-साथ कर्म सिद्धांत पर विशेष जोर दिया एवं स्वदेशी चीजों को स्वीकार करना सिखाया । हथकरघा उद्योग पर जो छात्रों के लिए प्रतिभास्थली , गायोंके लिए गौशाला ,वृद्ध आश्रम आदि चीजों पर विशेष जोर दिया । हमारा सौभाग्य है कि हमने आचार्य श्री को देखा है उनकी चर्चाओं को देखा है । यह हमारा सौभाग्य है कि इस युग में हमारा जन्म हुआ और आचार्य श्री जैसे महान संत हमको देखने को मिले । जिनकी चर्या चतुर्थ कालीन तीर्थंकर जैसी रही । काल के प्रभाव को देखकर ही आचार्य श्रीसमाधि मरण स्वीकार किया ।
संत शिरोमणि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मरण दिवस पर दिनांक 6 फरवरी गुरुवार को श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बडा मंदिर मुरैना में प्रातःकालीन आ. श्री विद्यासागर महामुनिराज की पूजन की गई और संध्याकालीन बेला में महासंत की 11 महादीपकों के माध्यम से बृहत महाआरती सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम का संचालन विद्वत नवनीत जैन शास्त्री जी ने किया । पंडित दीपक जैन एवं प्राचार्य अनिल जैन ने भी अपने विचार रखे ।
इस अवसर पर जैन छात्रावास के छात्रगण, पाठशाला के बच्चों सहित विनोद जैन, वीरेंद्र जैन, डॉ मनोज जैन, प्रेमचंद जैन, राकेश जैन, पंकज जैन, राजकुमार जैन, राजेंद्र जैन, सुभाषचंद जैन, महावीर प्रसाद जैन, नीतू दीदी श्रीमती पदमा जैन, श्रीमती रेखा जैन, श्रीमती गीता जैन, आदि कार्यक्रम में मौजूद रहीं