फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज तथा दिगंबर जैन सोशियल एंड कल्चरल ग्रुप जिला बांसवाड़ा द्वारा जैन धर्म के 12वे तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य नाथ स्वामी का जन्म तप कल्याणक आज 27 फरवरी, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को पारंपरिक श्रद्धा एवं भक्ति भाव से मनाया जाएगा। फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज के संस्थापक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत कोठिया ने बताया कि भगवान वासुपूज्य का जन्म इक्ष्वाकु वंश के राजा वसुपूज्य ओर रानी जया देवी के परिवार में चम्पापुरी नगरी में हुआ था। वे बाल ब्रह्मचारी तीर्थंकरों में एक थे तथा उनके पांचों कल्याणक सिद्ध क्षेत्र चम्पापुरी में ही हुए हैं। उनका प्रतीक चिन्ह भैंसा और वृक्ष कदम्ब है। उनकी आयु 72लाख वर्ष की थी और प्रथम आहार खीर का लिया था। चम्पापुरी से ही भगवान वासुपूज्य का निर्वाण हुआ था। इस अवसर पर देश के सभी राज्यों के जैन मंदिरों में जन्म तप कल्याणक पर्व पर भगवान का झूला लगा कर उनके तप कल्याणक ओर वैराग्य के दृश्यों का मंचन किया जाएगा। दिगंबर जैन सोशियल एंड कल्चरल ग्रुप तथा फेडरेशन ऑफ हूमड़ जैन समाज की तरफ से इस अवसर पर सभी साधर्मी भाई बहनों एवं अहिंसा प्रेमियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं गई हैं।
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