हमारी जैन समाज बहुत जागरूक और सम्पन्न समाज मानी जाती हैं और अन्य जाती के लोग हमारी सम्पन्नता से ईर्ष्या भाव भी रखते हैं और रखना भी चाहिए .हम प्रदर्शन परक समाज हैं जितनी अधिक वीतरागता उतनी अधिक रागता रहती हैं .
जैन साधु मुनियों द्वारा समाज में बहुत अधिक क्रांति ला रहे हैं .और शिक्षण प्रशिक्षण और
सामाजिक चेतना बढ़ी हैं जो शुभ लक्षण हैं .आज बाजारीकरण के साथ अति विशिष्ठ शिक्षा के कारण ग्रामीण क्षत्रो ,कस्बाई बस्ती में आबादी समाज की स्थान्तरित होकर शहरों महानगरों और विदेशों की ओर पलायन कर रही हैं और हमारे स्थित जिनालय तीर्थ उपेक्षित हो रहे हैं और हो चुके ,
वर्तमान में उज्जैन शहर के पास मुनि श्री दर्शन सागर जी द्वारा स्थापित दर्शन गिरी क्षेत्र का एक विडिओ देखने मिला .तीर्थ क्षेत्र बहुत विशाल क्षेत्र में फैला हैं और उसमे २४ वी के साथ अन्य मन्दिर हैं ,वहां का पहुँच मार्ग कितना दयनीय के साथ दुखद हैं पर उज्जैन की जैन समाज पूरी तरह से अनभिज्ञ के साथ उदासीन हैं .
इतना भव्य तीर्थ पूर्णतया उपेक्षित के साथ दारुण स्थिति में हैं जिसका रखरखाव तत्काल होना चाहिए और हमारी विरासत के साथ जिनालयों की उपेक्षा कदापि सम्माननीय नहीं हैं .जैन समाज उज्जैन की जाग्रत हैं उससे अपेक्षा की जाती हैं कि उसक्षेत्र की ओर ध्यान देकर विरासत को बचाये अन्यथा कोई भी उस क्षेत्र पर अनधिकृत कब्ज़ा कर अनावश्यक विवाद पैदा कर हमसे छुड़ा लिया जाएगा .
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
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