वर्तमान युग में आज के युवाओं को महावीर के सिद्धांतों की अति आवश्यकता है जीने के लिए

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नैनवा संवाददाता द्वारा महावीर जयंती पर समाचार

महावीर जयंती 2024 भगवान महावीर स्वामी के बताये मार्ग जीवन जीने के लिए बताए हुए शत उपदेश को छोड़कर आज का युवा चका चोन रोशनी में खो गया है
आज के प्रत्येक युवा को अपना जीवन बेहतर तरीका से जीने के लिए अपने जीवन में महावीर के सिद्धांतों को उतारना होगा तभी यह मनुष्य जीवन सार्थक को सफल होगा
आज भारतीय संस्कृति से दूर होकर दक्षिण की सभ्यता को आज का युवा अपना रहा है उसका खान-पीन रहन-सहन अपने जीवन में उतार रहा है यह भारतीय संस्कृति के लिए ठीक नहीं है
आज के फैशन के दौर में नारी को पहनावे से शरीर को लजामित कर रही है नारी तो घर की सबसे बड़ी इज्जत होती है वही नारी अपने पूरे शरीर के अंगों को प्रदर्शन कर पिक्चर की तस्वीर बन रही है इन्हें देखकर अच्छे संस्कारीत परिवार अचंभा करता है यह कैसा पहनाव आ गया
पुरे शरीर के अंग नुमाइश बनकर लोग देखने लगे हैं
भगवान महावीर ने सभी जीवों को सम्मान रूप से विचरण करने का संदेश दिया खुद जियो और दूसरों को जीने दो हमें हमारी जाती भाई की हर क्षेत्र में मदद करना चाहिए ताकि उसे मालूम हो कि हमारा जैन कूल में जन्म लेना सार्थक हुआ है
मोबाइल से दूर रखें छोटे बच्चों को
आज के कलचर में मोबाइल से जितनी भी समस्या उत्पन्न हो रही है यह बहुत ही दुख का कारण होगा छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों में इसकी लत बहुत बुरी है बहुत हानिकारक होगी इससे मानसिक स्थिति गिरती है आज का संपर्क सूत्र का सबसे बड़ा यंत्र मोबाइल है जो हमारे युवाओं को शादी संबंध में अंतर जाति विवाह कर हमारे धर्म को कमजोर कर रहा है
भगवान महावीर के सिद्धांत को आज भी जीवन में उतरने पर सुख शांति समृद्धि हमें प्राप्त होगी

कहने को हम जैन है हमारे सिद्धांत जैन नहीं है हम रात्रि को भोजन करते हैं देव दर्शन नहीं करते बिना छना पानी पी रहे समस्त प्रकार की जमीन से निकलने वाली वस्तुओं का भक्सण करते हैं अशुद्ध वस्तुओं के खाने से ही हमारा पूरा शरीर कमजोर हो रहा है अनेक प्रकार की बीमारियां हमें घर रही है अल्पायु में ही संसार से विदा हो रहे हैं छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने बालक भी असमय मौत होने पर बिलखते हुए रो रहे हैं
नारी ने ही भगवान महावीर को जन्म दिया
नारी माता त्रिसला थी नारी ही चंदनवाला थी नारी मैना सुंदरी थी माता सीता मा थी लक्ष्मी सरस्वती नारियों को आज भी संसार में सम्मान से पूजा जाता है
हमारी आर्यिका माता ने असार संसार को त्याग कर मोक्ष मार्ग विचरण कर रही है वह भी किसी घर की बेटी ही थी जिन्हें संस्कारों से आज पूजा जाता है
भगवान महावीर का अहिंसा का संदेश पूरी दुनिया के लिए एक महान संदेश है उसका कहना था मांसाहार मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा कलंक है अपना पेट भरने के लिए किसी भी प्राणी को मारना जीवन का सबसे बड़ा पाप हमें किसी भी रूप में इसका समर्थन नहीं करना चाहिए

हमारे दिगंबर मुनिराज संत आचार्य आर्यिका निरंतर पैदल बिहार कर बिना वाहन के अनेकों बड़े-बड़े शहरों एवं प्रातो में प्रवेश कर गांव गांव में महावीर के सिद्धांतों को प्राणी मात्र तक पहुंचा रहे हैं यह आज के पंचम काल के सचमुच जीते जागते भगवान दिगंबर संत है हमारे जिनालय के भगवान दर्शन मात्र दे सकते हैं वह मुंह से बोलकर ज्ञान नहीं दे सकते भगवान महावीर ने भारतीय धर्म दर्शन और संस्कृति के विकास में अदभुत्व पूर्ण योगदान दिया और वितरण भाव से संसार में रहकर दूसरों का कल्याण के साथ-साथ भी संसार से ऊपर उठकर आत्मानुभूति
प्राप्त की
आज भी महावीर के सिद्धांतों को जीवन में उतरने पर हमारा जीवन कुंदन जैसा बनता है

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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