सहज पथगामी ग्रंथ का हुआ भव्य विमोचन
उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह एवं विद्वानों ने अपने कर कमलों से किया विमोचन
देश के प्रमुख विद्वानों ने किया गुणानुवाद
प्रवर्तक मुनि श्री सहजसागर ने किया मैनपुरी को गौरवान्वित
मैनपुरी। मैनपुरी के श्री प्रसन्नसहज सभा मंडप में परम पूज्य अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य में मैनपुरी नगर के गौरव प्रवर्तक मुनि श्री सहजसागर जी महाराज (गृहस्थ अवस्था के डॉ सुशील जैन मैनपुरी) के जीवनवृत्त पर आधारित ग्रंथ ‘ सहज पथगामी’ का भव्य विमोचन उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के साथ ही आयोजन में पधारे देश प्रमुख विद्वान प्रोफेसर फूलचंद्र ‘प्रेमी’, वाराणसी, प्रोफेसर अशोककुमार जैन, वाराणसी, डॉ सुरेन्द्र कुमार जैन ‘भारती’, बुरहानपुर, एडवोकेट अनूपचंद्र जैन, फिरोजाबाद, डॉ पंकज जैन, इंदौर, डॉ सुनील जैन ‘संचय’, ललितपुर, ग्रंथ के संपादक डॉ कमलेश जैन, वाराणसी, डॉ. सौरभ जैन, मैनपुरी, डॉ. स्वाति जैन मैनपुरी,डॉ सुशील जैन, कुरावली ने किया।
इस मौके पर विद्वानों ने मुनि श्री सहजसागर जी महाराज का गुणानुवाद करते हुए कहा कि मुनि श्री सहज सागर जी महाराज ने दिगम्बर मुनि दीक्षा लेकर मैनपुरी को गौरवान्वित किया है। वे श्रमण संस्कृति के दैदीप्यमान नक्षत्र के रूप में श्रमण परंपरा को गौरवान्वित कर रहे है।
नगर गौरव मुनि श्री सहज सागर जी महाराज ने अपनी पीयूष देशना में मैनपुरी में बिताए अपने जीवन के बहुमूल्य पलों के अनेक संस्मरण सुनाकर उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्नसागर जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति का धन नहीं व्यक्ति के व्यवहार, उसकी वाणी को लोग याद रखते हैं। उन्होंने कहा कि अप्रभावना नहीं करना ही प्रभावना है। उन्होंने कहा कि संसार में रहना बुरा नहीं है, संसार को मन में बसा लेना बुरा है।
सरस्वती पुत्र, जिनवाणी के लालों से खूब प्रभावना हो रही है। स्वाध्याय के साथ चारित्र का भी ध्यान रखें। जीवन में परिवर्तन तभी संभव है जब भीतर से अटैचमेंट हो। जब तक विचारों को छानकर नहीं पीईएगें तब तक मन पवित्र नहीं हो सकता। उतना कमाओ जिससे जीवन आनन्द पूर्वक जी सको। मुनि श्री सहजसागर जी ने अपनी साधना से गौरवान्वित किया है।
इस मौके पर मुनि श्री पीयूष सागर जी महाराज एवं मुनि श्री नव पदम सागर जी महाराज ने भी अपने प्रवचनों में आचार्य प्रवर प्रसन्न सागर जी महाराज एवं नगर गौरव मुनि श्री सहज सागर जी महाराज के व्यक्तित्व- कृतित्व पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर आचार्य श्री प्रसन्नसागर जी महाराज की पूजन संगीत के साथ अगाध श्रद्धा के साथ की गई।
इस मौके पर आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज की कृति मेरी बिटिया सहित अनेक कृतियों का विमोचन किया।
ज्योति आमगे रही आकर्षक का केंद्र :
आयोजन में दुनिया की सबसे छोटी महिला ज्योति आमगे नागपुर की आकर्षण की केंद्र रहीं। 32 वर्षीय ज्योति दुनिया की सबसे छोटी महिला होने का यह अवार्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ड रिकार्ड में दर्ज है।
आचार्य श्रीसंघ को साहित्य भेंट-
परम पूज्य आचार्य श्री प्रसन्नसागर जी महाराज एवं संघ को विद्वत्रत्न प्रो.अशोककुमार जैन अभिनन्दन ग्रन्थ, डॉ. सुरेन्द्र जैन भारती द्वारा लिखित मुक्तक त्रिशतक, आचार्य समन्तभद्र और रत्नकरण्डक श्रावकाचार, अ.भा.दि.जैन विद्वत्परिषद् पत्रिका- विद्वद्-वार्ता प्रदान की गयी।इसी कड़ी में प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी ने मूलाचार भाषा वचनिका, डॉ. सुनील जैन संचय ने अपने द्वारा सम्पादित सुरभितमैत्री तथा शास्त्रि परिषद् बुलेटिन आचार्य श्री को भेंट किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ कमलेश जैन वाराणसी, डॉ सौरभ जैन मैनपुरी ने संयुक्त रूप से किया।
आयोजन समिति की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मुख्य अतिथि, समागत विद्वानों एवं सभी अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया।
इस दौरान अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जम्बूप्रसाद जैन , गाजियाबाद, पूर्व विधान परिषद एमएलसी श्री पुष्पराज पम्मी, कन्नौज आदि प्रमुखता से उपस्थित रहे।
इस मौके पर अनेक गणमान्य अतिथिगण मौजूद रहे। सैकड़ों की संख्या में आयोजन में श्रद्धालु सभागार में कार्यक्रम में शामिल रहे।