उपाध्याय विकसंत सागर जी महाराज व समत्व सागर जी महाराज ससंघ (15 पिच्छी) से हुआ गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ का महामिलन

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19 फरवरी बुधवार 2025
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला टोंक (राज.) में गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ का उपाध्याय विकसंत सागर जी महाराज व समत्व सागर जी महाराज ससंघ का भव्य मिलन हुआ । समस्त संघ के सान्निध्य में भगवान सुपार्श्वनाथ जी के मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के चित्र अनावरण व दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।
साथ ही आये आगंतुक महानुभावों का का स्वागत सम्मान किया गया। तत्पश्चात पूज्य उपाध्याय विकसंत सागर जी एवं समत्व सागर जी महाराज का मंगल उद्बोधन हुआ ।
पूज्य माताजी ने सभी को मंगल उद्बोधन देते हुए कहा कि – संतों के दर्शन पुण्य से प्राप्त हुआ करते है।  सूरज से दोस्ती करोगे तो सुबह से शाम, चांद से दोस्ती करोगे तो रात से सुबह तक और हम जैसे संतों से दोस्ती करोगे तो पहली मुलाकात से अंतिम मुलाकात तक । इन देव शास्त्र गुरु से मुलाकात करोगे तो पुण्य का संचय होगा। धन्य है वह धरती जहां गुरुओं और संतों के चरण पड़ते हैं। यह अपने सातिशय पुण्य का ही प्रभाव है जिसके कारण हम संतों की सेवा कर पाते हैं। सच्चे देव – शास्त्र – गुरू की सेवा , वैयावृत्ति , दान आदि देने का असीम फल स्वर्ग आदि में अपना स्थान सुनिश्चित करना है।
पूज्य माताजी ससंघ का 3 बजे इंदौर के लिए मंगल विहार हुआ ।
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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