त्याग से विश्व में शांति की मंगलकामना

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आठगाव दसलक्षण पर्व के अवसर पर पूरे भारत वर्ष में जैन धर्माबलबियों द्वारा प्राणी मात्र की मंगल कामना के लिए पूजा अर्चना की जा रही है। इस अवसर पर आठगांव स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय में भी नित्य प्रतिदिन 150 से165 युवा पीढ़ी कलशाभिषेक, शांतिधारा के लिए उत्सुक रहते है । यहां जैन धर्म के उद्देश्य को समझते हुए बच्चों द्वारा त्याग व नियम को लेकर जो जितने आगे बढ़ता है उनके द्वारा विश्वशांति के लिए श्रीजी की शांतिधारा कराई जाती है। उल्लेखनीय है कि सभी युवा वर्ग व बच्चे अपने समर्थन भाव से प्रातः4 बजे श्रीजी के मंदिर में पहुंच जाते हैं एवं अपने-अपने कार्य में जैसे पूजन सामग्री की तैयारी करना, कुएं से जल लाकर अभिषेक की तैयारी करना, पूजन सामग्री वितरण करना, श्रीजी के अभिषेक के लिए व्यवस्था करना, समय-समय पर महिलाओं द्वारा भजन की प्रस्तुति करना, बच्चों द्वारा नित्य- नाटिका की प्रस्तुत कर धर्म के उद्देश्य को समझाते हुए व्याख्यान आदि सभी कार्यक्रम आपस में ही बडे़ अनुशासनात्मक तरीके से करते है। इन सभी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक आयोजन कराने में आठगांव चैत्यालय व्यवस्थापक समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहता है।।

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