टोंक शहर की पावन धरा पर क्षुल्लक विशाल सागर महाराज का समता पूर्वक निर्माण से महानिर्वाण हुआ मुनि दीक्षा ग्रहण करने के बाद

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फागी संवाददाता /टोंक

टोंक – 27 जुलाई

टोंक शहर में सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में क्षुल्लक विशाल सागर महाराज को वात्सल्य वारिधी आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने केंश लोचन के साथ भव्य मुनि दीक्षा देकर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया कार्यक्रम में जैन गजट के राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि श्रावण शुक्ला तृतीया जिसे राजस्थान में हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है इस पावन अवसर पर वात्सल्य वारिधी आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के सामायिक कक्ष में संपूर्ण भारतवर्ष के जैन पत्रकार उपस्थित थे जहां पर वात्सल्य वारिधी आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज का सभी आगंतुक पत्रकारों से परिचय चल रहा था जहां पर आचार्य श्री सभी पत्रकारों को मंगलमय आशीर्वाद प्रदान करने के एक- एक पत्रकार को बुलाकर आशीर्वाद दे रहे थे,उसी दौरान क्षुल्लक विशाल सागर महाराज का गुरुदेव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आगमन हुआ, उसी समय आचार्य श्री ने अपने ज्ञान से यह जान लिया था कि यह जीव अब ज्यादा समय इस संसार में रहने वाला नहीं है उन्होंने क्षुल्लक विशाल सागर महाराज को आशीर्वाद देते हुए कहा कि आपको कुछ समय पश्चात जैनेश्वरी मुनि दीक्षा प्रदान की जायेगी,यह बात सुनकर क्षुल्लक विशाल सागर जी महाराज ने सहर्ष स्वीकार किया कार्यक्रम में सैकड़ो लोगों की उपस्थिति में संपूर्ण संघ के समक्ष क्षुल्लक विशाल सागर महाराज को विभिन्न मंत्रोचारणों के बीच विधि विधान मुनी दीक्षा प्रदान की गई, जिसमें क्षुल्लक विशाल सागर महाराज ने सारे समाज की उपस्थिति में अपने शरीर पर से कपड़ों के आवरण को उतार फेंका और केंश लोचन किया तथा क्षुल्लक विशाल सागर जी महाराज का मुनि विशाल सागर महाराज के नाम से नामकरण किया गया।कार्यक्रम में ग्रहस्थ अवस्था के अधिकतर परिवारजन, रिश्तेदार, एवं समग्र जैन समाज में मौजूद था,उस समय देश से आए हुए सभी जैन पत्रकारों के तत्वाधान में शांति समागम का आयोजन मुख्य मंच से चल रहा था, आचार्य श्री के मंच पर पहुंचते ही तृतीय क्षेत्र प्रारंभ हो गया था तत्पश्चात 15 मिनट बाद ही मुनि विशाल सागर महाराज की समतापूर्वक समाधी के समाचार आचार्य श्री के कानों में पहुंचे तो आचार्य श्री एवं वहां उपस्थित सारे श्रावक श्राविकाएं इस समाचार को सुनकर आश्चर्य चकित रह गये। जैसे कोई चमत्कारी घटना घटी हो, उसी समय सभी श्रावक श्राविकाएं के मुख से निकला की धन्य हो आचार्य वर्धमान सागर महाराज जो इस पंचम काल में भी आप इतने अवधि ज्ञानी हैं जिन्होंने भविष्य को जानकर क्षुल्लक विशाल सागर महाराज को मुनि दीक्षा प्रदान कर मोक्ष का मार्ग प्रषस्त किया।कार्यक्रम में समाज के प्रवक्ता पवन कंटान विमल जौंला, विकास जागीरदार एवं राकेश संधी ने बताया कि इस दौरान क्षुल्लक महाराज की 1.35 पर मुनि दीक्षा हुई मुनि दीक्षा के उपरांत लगभग 3 बजे नवदीक्षित मुनि विशाल सागर महाराज का समाधि मरण हुआ। समाधि मरण की चकडोल यात्रा दिगम्बर जैन अमीरगंज नसियां से आचार्य वर्धमान सागर महाराज के सानिध्य में हजारों श्रद्धालुओं के साथ गाजे बाजे से निकाली गई जो मुख्य मार्गों से होती हुई समाधि स्थल पर पहुंची जहां विद्वानों पण्डितो एवं आचार्य श्री द्वारा संस्कार विधि के द्वारा अन्तिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष पदम चंद आंडरा मंत्री महावीर प्रसाद देवली चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष भागचंद फुलेता धर्म चंद दाखिया मंत्री राजेश सर्राफ राजेश बोरदा कमल सर्राफ नरेंद्र छामुनिया ओम ककोड़ विकास अत्तार सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे कार्यक्रम में पवन कंटान एवं विमल जौला ने बताया कि क्षुल्लक विशाल सागर महाराज की 2015 में किशनगढ़ में क्षुल्लक दीक्षा हुई,27 जुलाई रविवार 2025 दोपहर 1.35 पर टोंक नगर में मुनि दीक्षा हुई
नव दीक्षित मुनि विशाल सागर महाराज के गृहस्थ अवस्था की पत्नी वर्तमान में संघ में श्री विचक्षण मति माताजी और सासू मां ने भी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से पूर्व में दीक्षा ली है मुनि विशाल सागर जी महाराज का गृहस्थ जीवन का जोबनेर नगर है जोबनेर नगर से यह 5 वीं दीक्षा है 36 वर्ष के आचार्य काल में 117 वी दीक्षा हैं।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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