दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप तीर्थंकर जयपुर के सदस्यों ने जयपुर से सांखला ,केशवरायपाटन, चांदखेडी,झालरापाटन, कोटा दादाबाडी, बिजोलिया,चवलेंश्वर पार्श्वनाथ एवं स्वस्तिधाम जहाजपुर सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कर पुण्यलाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजसेवी अन्तर्राष्ट्रीय होम्योपैथी डाक्टर मोहन लाल “मणी” जैन ने बताया कि 18 मार्च से 20 मार्च 2024 तक तीन दिवसीय कार्यक्रम में उक्त तीर्थंकर दल दुर्गापुरा जैन मंदिर से दर्शन कर सबसे पहले सांखला पहुंचा जहां पर शान्तिनाथ भगवान की अतिशयकारी मूलनायक प्रतिमा के दर्शन कर सभी सदस्य धन्य हो गये ,फिर केशवरायपाटन पहुंच कर मुनिसुव्रतनाथ भगवान की अतिप्राचीन मूलनायक व नवग्रह प्रतिमाओं व अन्य प्रतिमाओं के तीनों मंजिल में दर्शन किये व चांदखेडी के लिए रवाना हुये,वंहा रात्रि
विश्राम किया ,फिर सुबह उठकर मंदिर जी में सभी ने प्रथम तल पर प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन कर दूसरी मंजिल में तीन चोबीसी के दर्शन कर तीसरी मंजिल में निर्वाणकाण्ड में वर्णित भगवन्तों के दर्शन किए व साइड की चारों घुमटियों में विद्यमान बीस तीर्थंकरों के दर्शन कर नीचे भूतल में आदिनाथ भगवान की अतिशयकारी प्रतिमा के दर्शन के लिए पहुंचे। कार्यक्रम में डां.एम.एल जैन ” मणि ” ने बोली लेकर वस्ञाभूषण पहनकर अभिषेक व शांतिधारा की । वंहा से झालरापाटन के नसिंयाजी के दर्शन कर फिर शांतिनाथ भगवान के विशाल मंदिर में बडी खडगासन शान्तिनाथ भगवान की मूर्ती के दर्शन कर चारों तरफ के दर्शन कर कोटा दादाबाडी मंदिर पहुंचे। वंहां तीनों मंजिल के दर्शन कर नीचे आदिनाथ भगवान की विशाल पदमासन मूर्ती के दर्शन कर कोटा सिटी भ्रमण को गये। वंहा सिटीपार्क व चम्बल रिवर फ्रंट में घूमने का आनन्द लिया।फिर वंहा से बिजोलिया तीर्थ पहुंचे।श्री कैलाश चन्द्र जैन रानीपुरा वालों ने बिजोलिया में बोली से अभिषेक व शांतिधारा की।सभी सदस्यों ने पार्श्वनाथ भगवान की 27फीट की विशाल पदमासन प्रतिमा व अन्य मंदिरों तथा गगनविहारी पार्श्वनाथ के दर्शन कर चवलेंश्वर पहुंचे।वंहा पहाडी के दर्शन कर नीचे के मंदिर के दर्शन कर स्वस्तिधाम आ गये।यहां मुनिसुव्रतनाथ भगवान के व तीनों मंजिल की सभी रत्नों की प्रतिमाओं व अन्य मंदिर के दर्शन किये ।अन्त में श्रीमति डां शान्ति जैन ” मणि ” ने सबका आभार व्यक्त किया।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान