“तिरंगा” सदभाव, प्रेम मैत्री, त्याग, बलिदान, नैतिक, धार्मिकता का बोध कराता है। तिरंगा ने ही स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में एक जुट होने और स्वतन्त्रता की भावना को जन्म देने में मदद की है। देश के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हर-घर तिरंगा की आवाज को बुलन्द करके सम्पूर्ण देश को एक होने का संदेश दे दिया। उन्होंने हर घर तिरंगा फहराने की बात कही और हम एक दीपक जलाने की बात कह रहे हैं। वह दीपक – देश की सुख, शान्ति, समृद्धि, अहिंसा, सदभाव, प्रेम मैत्री, भाई चारा, नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिकता के घी से भरा हो।
13 से 15 अगस्त के बीच 100 करोड़ से ज्यादा हर-घर तिरंगा फहरेगा और अहिंसा, प्रेम, सदभाव, नैतिकता का दीप जलेगा। पहले ध्वज सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहरा सकते थे, लेकिन 13 से 15 अगस्त के मध्य आप 24 घन्टे तिरंगा फहरा सकते हैं। फहराया हुआ तिरंगा – देश की एकता, राष्ट्र की अखण्डता, देश भक्ति, शान्ति और सम्मान को दर्शाएगा।तिरंगा में तीन रंग और बीच में चक्र बना हुआ है।
यह प्रतीक बहुत गहरी बात कह रहा है –
केशरिया रंग – हमारी धार्मिकता, नैतिकता, व्यवहारिकता और साहसपूर्ण जीवन जीने का बोध करा रहा है।
सफ़ेद रंग – इमानदारी, पवित्रता, सरलता और मन की शान्ति, चेहरे की प्रसन्नता को बरकरार रखने की बात बता रहा है।
हरा रंग – घर परिवार, समाज, देश और राष्ट्र की सुख, शान्ति, समृद्धि, आत्म निर्भरता का पाठ पढ़ा रहा है।
तिरंगा के मध्य अशोक चक्र – जिसमें 24 तीलियां बनी हुई है,, 24 तीर्थंकर, 24 पैगंबर, 24 अवतार को 24 घन्टे स्मरण करने की बात को समझा रहे हैं और धर्म, एकता, समरसता की बात को बता रहे हैं।
अशोक चक्र कह रहा है – यदि इनको छोड़ा तो तुम 83 लाख 99 हजार, 9 सौ 99 योनियों में भटकते रहोगे। तिरंगा सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक ही नहीं, बल्कि धार्मिक, नैतिक और व्यवहारिकता का प्रतीक भी है। राष्ट्रीय एकता, साहस, शौर्य, शक्ति, विचार और नेक उद्देश्य का प्रतीक है। तिरंगा – हमारे शरीर का उत्तमांग है, हमारा गौरव है। इसी आत्मीय भाव के साथ हर घर तिरंगा फहरायें और प्रेम का दीप जलायें…!!!
-नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद