कोटा – परम पूज्य जंगल वाले बाबा मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से निर्मित आर के पुरम स्थित 1008 श्रीमुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में फाल्गुन मास की आष्टानिका के पावन सुअवसर पर सिद्धचक्र महामंडल भव्य घटयात्रा से प्रारंभ हुआ। विधान शोभा यात्रा के साथ हर्षोल्लास के मंगलमय वातावरण में सानंद संपन्न हुआ। इंद्र इंद्राणी के संग सैकड़ों श्रद्धालुगण झूम झूम भक्ति रस में डूब गए थे। फाल्गुन के मास में होली के पावन अवसर पर भक्ति के रंग के रंग रहे थे। विधान में इंद्र इंद्रानियो ने 8,16,32, 64,128,256,512 एवम 1024 क्रमशः अर्घ्य समर्पित किए। अष्ट कुमारियों ने भी खूब भक्ति भाव से पूजा अर्चना की।
समिति के अध्यक्ष महावीर जैन सरवाडिया महामंत्री पवन पाटौदी कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद जैन खजुरी ने बताया विधि विधान की क्रियाएं पंडित अभिषेक शास्त्री एवं पंडित शुभम शास्त्री के द्वारा कराई गई।राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि ने बताया कि दिनांक 6 मार्च को प्रातः काल मंगलाष्टक के बाद मूलनायक भगवान पर प्रथम अभिषेक किया। फिर शांति धारा की गई। इसके बाद हवन एवम विश्व में शांति की मंगल कामना से विश्वशांति महायज्ञ किया गया। आयोजन को सफल बनाने वाले श्रावक श्रेठी परिवारजनों का भाव भाव भीना अभिनंदन किया। जैन युवा पत्रकार गौरव पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार ने आगे बताया कि विधान में मुख्य मंगल कलश विनोद जैन टोरडी परिवारजन एवम अभिमंत्रित जाप्य कलश संजय लुहाड़िया परिवारजन को मिला।
श्रीजी की भव्य शोभायात्रा जिसमे सर्व प्रथम बैंड बाजे घोड़े फिर श्री जी को रथ यात्रा में विराजमान किया गया। प्रमुख आकर्षण का केंद्र यह रहा कि रथ को युवा लोग अपने हाथो से खीच रहे थे। सैकड़ों श्रद्धालु गण भक्ति रस में नृत्य करते हुए चल रहे थे। आठ दस बघियो में प्रमुख पात्र ध्वजारोहण कर्ता सोधर्म मैना सुंदरी-श्रीपाल कुबेर सानत इंद्र ईशान इन्द्र के साथ पात्र बैठे थे। शोभा यात्रा में श्री जी को विराजमान करने एवम सारथी का पुण्यार्जन जिनेंद्र जैन बरमुंडा परिवारजन को मिला। शोभायात्रा आर के पुरम जैन मंदिर से कल्पना चावला सर्किल b s n l सर्किल d d p s school रोड होते हुवे विभिन्न मार्गो से मंदिर परिसर पहुंची। बाद में वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया।
प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि ने बताया कि सायकल 108 मंगल दीपकों से भकामर आराधना एवम भव्य आरती की गई। संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में आमोलकचंद जैन पंकज जैन चंद्रेश जैन राकेश जैन मुकेश जैन रूपचंद जैन हरक चंद जैन अनुज गोधा प्रेम चंद जैन राजकुमार जैन वैद् भागचंद जैन बाबूलाल जैन निर्मल जैन पवन जैन एस के जैन मनीष जैन हरसोरा अरुण जैन सुरेंद्र जैन पंकज जैन का विशेष योगदान रहा।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा