रूवर्य प्रसन्न सागर जी महाराज के सन्निध्य में प्रभु प्रतिमा वेदी पर प्रतिष्ठित की गई

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108 गुरूवर्य प्रसन्न सागर जी महाराज के सन्निध्य में प्रभु प्रतिमा वेदी पर प्रतिष्ठित की गई। प्रभु प्रतिमा के विराजमान होने के अवसर पर भक्तों में हर्ष की लहर उठी                                                                        औरंगाबाद  नरेंद्र/पियूष जैन
उदगांव में कुंजवन महोत्सव में उत्कृष्ट सिंहनिष्कीडित व्रतकर्ता-साधना महोदधि आचार्यश्री 108 गुरूवर्य प्रसन्न सागर जी महाराज के सन्निध्य में प्रभु प्रतिमा वेदी पर प्रतिष्ठित की गई। प्रभु प्रतिमा के विराजमान होने के अवसर पर भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गई। इसके साथ ही पूजा अर्चना और भक्ति की बाहर आ गई। कुंजवन महोत्सव में आज भगवान का सम्मेदशिखर कूट से मोक्षागमन हुआ।
वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व मंदिर जी में प्रतिदिन होने वाले दिव्य जाप अभिषेक, शांतिधारा के साथ नित्यपूजा और शांतिहवन करते लोग प्रभु भक्ति करते रहे। भगवान के मोक्षागमन के साथ ही सौधर्म इंद्र द्वारा गुणारोपण किया गया। इस दौरान मोक्ष कल्याणक पूजा में भक्तों ने भाग लिया, संगीत के साथ इस पूजा अर्चना के दौरान भक्तों ने झूम-झूम के अपने भावों को प्रकट किया। सौधर्म इंद्र ने गुणारोपण किया। अग्निकुमार द्वारा अंतिम संस्कार की क्रियाएं पूजा अर्चना के मध्यम से संपन्न हुईं। इसके साथ ही गाजे बाजे के साथ भगवान को निवार्ण लाडू चढ़ाया गया। प्रभु के मोक्ष कल्याणक होने के साथ ही भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गई। इस मौके पर उत्कृष्ट सिंहनिष्कीडित व्रतकर्ता-साधना महोदधि आचार्यश्री 108 गुरूवर्यप्रसन्न सागर जी महाराज ने संघ पूजा के साथ ही मंगल प्रवचन दिये, आचार्य श्री ने कहा कि मोक्षगमन का अर्थ संसार में बार-बार जन्म लेने से मुक्ति है, सिद्ध शिला पर विराजमान भगवान में इतने गुण होते हैं कि वह गुणों में ही बहते रहते हैं। गुणों में बहने के साथ ही वह उनके आनंद में खोने लगते हैं। इस आनंद को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अवस्था में किसी भी तरह का कष्ट नहीं आता। आचार्य श्री के प्रवचन के साथ उनके आहार आदि कियाएं हुई। उसके बाद प्रारंभ हुआ विश्व शांति महायज्ञ के दौरान ही दशांश पूर्णाहूति, ध्वजाअवरोहण कार्यकम हुआ। समाज के श्रेष्ठिजनों ने ध्वजारोहण कर पुण्यलाभ उठाया। पुण्याहवाचन के साथ ही शांतिपाठ कर उसका विसर्जन किया गया। श्रीजी की रथयात्रा भी इस दौरान निकाली गई। रथ यात्रा में पीताम्बर वस्त्रों को धारण कर महिलाओं ने घटयात्रा निकाली। मीन लग्न के तुला, नवांश में भगवान विराजमान करने की कियाओं को पूर्ण किया गया। इसके साथ ही प्रभु का कलशारोहण की कियाओं में भक्तों ने जमकर भाग लिया। भक्तों के आनंद का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि इस दौरान भक्त झूमते रहे। संध्याकाल के समय आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज के मंगल प्रवचन हुये एवं रात्रि के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची रही। एक जनवरी नववर्ष को भगवान का महामस्ताकाभिषेक हुआ। यह अपने आप में अनोखा अनूठा और यादगार हुआ कुंजवन महोत्सव की इन यादों को बीपीबी मीडिया ग्रुप आगरा द्वारा बहुत ही मेहनत के साथ संजोया गया गया है। उनके संयोजन के सृजन से भी भक्तों का जल्दी ही साक्षात्कार होगा। यहां उल्लेखनीय है कि यह सभीकार्यकम आयोजक श्री ब्रहम्नाथ पुरातन दिगंबर जैन मंदिर टस्ट कुंजवन उदगांव रहा। बीपीबी मीडिया ग्रुप द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं को भी समाज के लोगों ने सराह है। समाज के लोगों का कहना है कि ऐसे निष्ठावान युवकों ने धर्म के इस कार्यक्रम को लोगों के लिए सहज व सुगम बना दिया है। बीपीबी मीडिया टीम के सदस्य कार्यक्रम की व्यवस्थाओं के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। किसी भी तरह की कोई परेशानी लोगों को नहीं होने दी जा रही है। ऐसी जानकारी औरंगाबाद के नरेंद्र  अजमेरा पियुष कासलीवाल ने दी.

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