सुरेश सरल जी का निधन साहित्य जगत् और समाज की अपूरणीय क्षति

0
115
वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय सुरेश जैन  ” सरल” जी जबलपुर  का  22 फरवरी को दोपहर 4:35 देह परिवर्तन की खबर सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन चरित्र ( विद्याधर से विद्यासागर कृति  ) , सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागरजी के जीवन चरित्र -ज्ञान के हिमालय, क्रांतिकारी संत तरुणसागर जी महाराज, मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज आदि अनेक संतों की जीवन गाथाओं का आपने लेखन किया था।
सरल जी अपने व्यक्तित्व में जितने सरल और जमीन से जुड़े थे उतने ही अपने लेखन में भी। वह समाज और संस्कृति की गहराइयों और जटिलताओं को बेहद संजीदगी से व्यक्त करते थे।
जब मैं श्रुत संवर्द्धन संस्थान मेरठ में कार्यरत था तब ‘ज्ञान के हिमालय’ पुस्तक प्रकाशन एवं यहाँ से प्रकाशित उनके अन्य साहित्य के बारे मैं आपसे अनेकबार चर्चा का अवसर प्राप्त हुआ।
अब हमने एक महान कथाकार, साहित्यकार को खो दिया है जिसकी पूर्ति संभव नहीं। उनका साहित्य उन्हे सदैव जीवित रखेगा ।
यशस्वी लेखक श्री सुरेश सरल जी का निधन  साहित्य जगत् और समाज की अपूरणीय क्षति है । उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि
-डॉ सुनील जैन संचय ललितपुर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here