ललितपुर में आज दिनांक 2 सितंबर 2025 को प्रातः 9:45 बजे दसलक्षण पर्व में उत्तम संयम धर्म के दिन ललितपुर में विराजमान वैज्ञानिक संत परम पूज्य जैन आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में हुआ,
सुप्रसिद्ध विद्वान सिद्धांताचार्य श्री पंडित जीवनलाल जी जैन शास्त्री का संल्लेखना समाधि पूर्वक समाधिमरण से एक दिन पूर्व परम पूज्य आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने पूज्य पंडित जी को अपना महत्वपूर्ण संबोधन भी प्रदान किया था, ज्ञात हो कि आपकी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला देवी जैन का भी आचार्य श्री शिष्या परम पूज्य आर्यिकारत्न श्री आदर्शमति माताजी ससंघ के सानिध्य में उनके ललितपुर चातुर्मास के दौरान सातवीं प्रतिमा के व्रत ग्रहण लेकर क्षेत्रपाल जी ललितपुर में हुआ था समाधिमरण, पूज्य पंडित जी 93 वर्ष के थे और आपका जन्म सन 1933 में सागर जिले के बिदवासन ग्राम में हुआ था, आपके पिता श्री बाबूलाल जी जैन थे, आप अपने पीछे सुपुत्र श्री हर्ष कुमार जैन पुत्रवधू श्रीमती लक्ष्मी जैन, चक्रेश कुमार जैन, सुधेश कुमार जैन संपादक जैन गजट महासभा कार्यालय लखनऊ श्रीमती बबली जैन, राजेश कुमार जैन श्रीमती शैली जैन, मनोज जैन श्रीमती मुक्ता जैन तथा एक सुपुत्री श्रीमती चंद्रकांता जैन एवं दामाद जी श्री राजेंद्र कुमार जैन इलाहाबाद का भरापूरा परिवार छोड़कर गए हैं, आपने श्री गोपाल दिगंबर जैन सिद्धांत संस्कृत महाविद्यालय मुरैना, श्री स्यादवाद सिद्धांत संस्कृत महाविद्यालय ललितपुर में प्राचार्य के पद पर रहकर जैन धर्म के शिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, आपने श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन संघ मथुरा के कार्यालय में प्रबंधक पद पर रहकर साप्ताहिक मुख पत्र जैन संदेश के प्रकाशन का कार्य भी बड़े ही अच्छे ढंग से संभाला था, इससे पूर्व आपने रहली पटना, शाहपुर, शाढ़ौरा, कोलारस, आगरा आदि जगहों पर रहकर भी जैन धर्म क महती धर्म प्रभावना, आप आयुर्वेदाचार्य एवं सिद्धांत शास्त्री भी थे, आपने अपना अध्ययन कार्य श्री मोराजी विद्यालय सागर एवं संस्कृत महाविद्यालय बनारस में किया, आप प्रतिवर्ष दसलक्षण पर्व में अनेक वर्षों तक जैन धर्म की प्रभावना हेतु देश के विभिन्न जगहों पर जाते रहे, सबसे महत्वपूर्ण अत्यंत पुरानी बात है कि जब आप मुरैना विद्यालय में प्राचार्य के पद पर थे उस समय संत शिरोमणि परम पूज्य आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज का ससंघ आगमन मुरैना में हुआ था तब आचार्य श्री अपना प्रवचन पूज्य पंडित जी के आने के पश्चात ही प्रारंभ करते थे
आप भारतवर्षीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद एवं विद्वत परिषद के भी कई वर्षों तक सदस्य रहे और उसके अधिवेशन एवं शिविर आदि में सम्मिलित होते रहे, आपने हस्तिनापुर एवं सोनागिर में रहकर कई परम पूज्य जैन मुनि राज को भी जैन धर्म का अध्यापन कार्य कराया,
श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजराज जैन गंगवाल, कार्याध्यक्ष श्री रमेश चंद जैन तिजारिया, महामंत्री श्री प्रकाशचंद जी बड़जात्या, कोषाध्यक्ष श्री पवन जी गोधा सहित अनेक केंद्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारियों एवं महसभा स्टाफ, जैन गजट परिवार, संवाददाता मंडल तथा देश-विदेश के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने इस अपूरणीय क्षति पर गहन शोक एवं श्रद्धांजलि व्यक्त की है।