सोनीनगर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में तीर्थंकर भगवान का जन्म हुआ

0
66

तथा पाण्डुकषिला पर हुयेे कलषाभिषेक
अजमेर 30 जनवरी, 2024 श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर समिति, सोनीनगर अजमेर  के नवनिर्मित प्रथम तल पर जिनालय का भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में आज पंचकल्याणक पांडाल में सप्तम पटृाधीष आचार्य श्री विवेकसागरजी महाराज ने तीसरे दिन जन्म कल्याणक के अवसर पर विषाल धर्म सभा को संबोधित करते हुये कहा कि संसार में कल्याणक पुण्यात्म जीव के ही मनाये जाते है । तीर्थंकर के पुण्य की महिमा विषाल होती है। तीनो लोको में एक ऐसा है लोक है जहां कभी एक सैकण्ड को भी जीवो को सुखषान्ति नहीं होती है वह नरक । नरक में कभी शान्ति नहीं होती तीर्थंकर के जन्म के समय अधोलोक में भी उन नरकियों को भी अन्तरमुर्हुत के लिये शान्ति हो जाती है ऐसा उनका पुण्य का प्रभाव होता है ।
तीर्थंकर के गर्भ में आने से पहले नगर में कुबेर प्रतिदिन साढे दस करोड रत्नो की वर्षा अनवरत 15 महीने तक करता है । तीर्थंकर कम से कम 20 हो सकते है और अधिक से अधिक 170 तीर्थंकर के जन्म कल्याणक सौधर्म इन्द्र एक साथ मनाता है । तीर्थंकर भगवंतों का रूप इतना सुन्दर होता है कि उस वीतराग को निहारने के लिये सौधर्म इन्द्र 1008 नेत्र बनाता है । फिर भी उसे तृप्ति नहीं होती है । और सौधर्म इन्द्र के समय में 40 नील इन्द्राणी मनुष्य प्राय धारण करके मोक्ष प्राप्त कर लेती है क्योंकि वह सर्वप्रथम जिनेन्द्र देव के दर्षन करने का सौभाग्य प्राप्त करता है ।
प्रवक्ता कमल गंगवाल व प्रचार प्रसार मंत्री संजय कुमार जैन ने बताया कि आज प्रातः सोनीनगर पंचकल्याणक पांडाल में जिनेन्द्र अभिषेक सभी पात्रों द्वारा किये गये तथा वृहषान्तिधारा करने का सौभाग्य पांडेचरी परिवार द्वारा की गयी । तत्पष्चात नसीराबाद महिला महासमिति इकाई द्वारा सुन्दर मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया व इन्द्र सभा, भगवान का जन्म, सौधर्म इन्द्र का आसन कम्पायन, राज्य सभा शचि द्वारा बालक पार्ष्वनाथ को लाना व बालक को सौधर्म इन्द्र को सौंपना तथा कुबेर द्वारा रत्नो की वृष्टि करना तथा इस मौके पर अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी, नीरज जैन का समिति की ओर साफा पहनाकर अभिनंदन किया गया।
जैन व गंगवाल ने बताया कि भगवान के जन्म के पष्चात गजरथ पर सौधर्म इन्द्र द्वारा विराजमान कर भव्य नगर भ्रमण सोनीनगर पंचकल्याणक पांडाल से पुलिस चौकी, कृष्णा कालोनी रामनगर, फाईसागर रोड होता हुआ वापस पांडाल पहुंचा जिसमें 6 घोडे, तीन गजरथ, 13 बग्गियां, बैण्ड बाजो, ढोल ढमाके के साथ हजारो श्रद्वालु भक्ति और जय जयकार करते हुये जुलूस के साथ पाण्डुकषिला पर पहुंचे जहां पर भगवान को विराजमान कर जन्माभिषेक सौधर्म इन्द्र परिवार व पदमकुमार प्रकाषचंद नरेन्द्र कुमार, पदमचंद, राकेष, रचित, भव्य पाटनी परिवार द्वारा तथा करीबन 300 पूजार्थियों ने जन्माभिषेक कर पुण्य का संचय किया । उपरोक्त क्रियायें प्रतिष्ठाचार्य पं कुमुदचंद सोनी एवं उनके सहयोगियो द्वारा कराई गई ।
अध्यक्ष डॉ. राजकुमार गोधा ने बताया कि आज रात्रि में 6.30 बजे दोसी परिवार द्वारा उनके निवास से गजरथ पर सवार होकर पंचकल्याणक पांडाल पहुंची जहां पर भगवान श्री की भव्य महाआरती संगीतकर केषव जैन एवं नाटककार संजय साजन के निर्देषन में सम्पन्न हुई तथा मंच का संचालन मयूर जैन ने किया । तत्पष्चात सौधर्म इन्द्र द्वारा तांडव नृत्य व आनंद नाटक बालक का झूलाना, सोनीनगर महिला मंडल द्वारा सुन्दर नाटय बेटी बचाओ बेटी पढाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया ।
तप कल्याणक पर्व मनाया जायेगा
मुख्य संयोजक मनोज अजमेरा ने जानकारी दी कि सुबह 6.45 बजे नित्य नियम पूजन, अभिषेक, महाषान्तिधारा, आचार्यश्री के मंगल प्रवचन, सौधर्म इन्द्र द्वारा भगवान के अंगूठे से अमृत स्थापना, युवराज पद स्थापना, राजाओं को भेंट, नाग नागिनी को णमोकार मंत्र सुनाना एवं वामादेवी द्वारा शादी का प्रस्ताव, बारह भावनाओं का चिन्तन, लोकोन्तीक देवो का आगमन वैराग्य अनुमोदना, पालकी उठाने का राजाओं एवं इन्द्रो के मध्य संवाद, वनगमन एंव दीक्षा तथा रात्रि में महाआरती व कमठ का उपसर्ग नाटिका का मंचन ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here