सिद्धचक्र विधान में आदिनाथ निर्वाण लाड़ू किया समर्पित

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सिद्धों की आराधना में 248 अर्घ समर्पित

मुरैना (मनोज जैन नायक) ज्ञानसागर सेवा सदन, बड़े जैन मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान में अभी तक 248 अर्घ समर्पित किए गए । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ स्वामी के मोक्ष कल्याणक के पावन अवसर पर निर्वाण लाड़ू अर्पित किया गया ।
प्रतिष्ठाचार्य पंडित महेन्द्रकुमार शास्त्री मुरैना एवं विधानाचार्य पंडित राजेंद्र शास्त्री मंगरोनी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पुण्यार्जक परिवार नेमीचंद विमलचंद जैन वर्तन वाले कुम्हेरी परिवार की ओर से आयोजित विधान के प्रथम दिन 26 जनवरी को घट यात्रा, ध्वजारोहण, सकलीकरण, मंडप शुद्धि, पात्र शुद्धि के साथ विधान का शुभारंभ हुआ । दूसरे दिन सिद्धों की भक्ति करते हुए तीन पूजाओं के 56 अर्घ एवं तीसरे दिन दो पूजाओं के 192 अर्घ यानि कि अभी तक कुल 248 अर्घ समर्पित किए हुए हैं । चौथे दिन 256, पांचवे दिन 512, छठवें दिन 1024 अर्घ समर्पित किए जाएंगे । मंगलवार को जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का मोक्ष कल्याणक मनाया गया । विमलचंद जैन एवं योगेन्द्र जैन ने अपने परिजनों के साथ मुख्य लाड़ू एवं उपस्थित अन्य सभी लोगों ने भी निर्वाण लाड़ू समर्पित किया ।
विधान के पूजन में बैठने वाले सभी बंधु, माता बहिनें एक विशेष परिधान के साथ साथ हार एवं मुकुट आदि से सुशोभित थी । सभी लोग सिद्धों की आराधना करते हुए भक्ति के साथ नृत्य कर रहे थे । विधान के अर्घ समर्पण हेतु एक विशाल मंडप बनाया गया है । मंडप के मध्य पाण्डुक शिला पर चतुर्मुखी जिन प्रतिमाएं विराजमान की गईं हैं । स्वर संगम सौरभ जैन एण्ड पार्टी द्वारा प्रतिदिन रात्रि को महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।
अंतिम दिन 01 फरवरी को विश्वशांति की कामना के साथ महायज्ञ का आयोजन होगा एवं श्री सिद्धचक्र विधान के समापन पर श्री जी को रथ पर विराजमान कर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी । भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण करती हुईं बड़ा जैन मंदिर मुरैना पहुंचेगी । वहां श्री जी को पाण्डुक शिला पर विराजमान कर कलषाभिषेक किए जायेगें ।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक विनोद जैन लोहे वाले एवं आशीष जैन ने बताया कि रथयात्रा एवं कलषाभिषेक के पश्चात दोपहर 01 बजे से पुण्यार्जक परिवार कुम्हेरी वाले नेमीचंद विमल जैन वर्तन वाले परिवार की ओर से सकल जैन समाज के वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया है, साथ ही विधानाचार्य, संगीतकार, पुजारियों सहित अन्य लोगों का सम्मान किया जाएगा ।

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