पन्ना। श्रेयांशगिरी महोत्सव के अन्तर्गत अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी में श्री मज्जिनेन्द्र शांतिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह का शनिवार से भारी हर्षाेल्लास पूर्वक शुभारंभ हुआ। गणाचार्य विरागसागर जी व उनके विशाल संघस्थ त्यागी-तपस्वियों के सान्निध्य के कारण यह पंचकल्याणक ऐतिहासिक अनेक संदेशों से ओतप्रोत प्रेरक है, जिसमें प्रातःकाल सलेहा से श्रेयांशगिरी तक 7 किलोमीटर की भव्य ऐतिहासिक घटयात्रा संपन्न हुई।
मीडिया प्रभारी भरत सेठ ने डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ को बताया कि इस घटयात्रा में देशभर के विभिन्न नगरों की समाज विशेष पोशाक एवं ध्वज के साथ, सौभाग्यवती महिलाएं मंगल कलश लेकर चल रहीं थीं। साथ ही भारी संख्या में अन्य श्रद्धालु वर्ग भी शामिल होकर इस भव्य घटयात्रा की शोभा को वृद्धिंगत कर रहे थे। उपरांत सभी महिलाओं ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर भूमिशुद्धि, मण्डपशुद्धि, वेदीशुद्धि इत्यादि मांगलिक क्रियाएं संपन्न कीं।
इस पावन अवसर पर सर्व मुख्य कार्य ध्वजारोहण गणाचार्य श्री विरागसागर जी महामुनिराज ससंघ के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ। ध्वजारोहण करने का परम सौभाग्य महावीर ज्वेलर्स सतना को प्राप्त हुआ। जब ध्वज फहराया गया तो पूर्व दिशा की ओर वायुवेग होने से ध्वज पूर्व दिशा लहराया जो कार्यक्रम की निर्विघ्न समाप्ति का संकेत था।
गणाचार्यश्री ने दिया मंगल आशीर्वाद
इस महामहोत्सव में मंगलमयी सान्निध्य प्रदान कर रहे भारतगौरव गणाचार्य श्री विरागसागर जी महामुनिराज ने अपने प्रवचनों में अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरि की महिमा बतलाते हुए कहा कि यह इस क्षेत्र का असीम पुण्य वर्गणाओं का प्रभाव ही है जो यहां एक भी जैन समाज का घर न होते हुए भी यह क्षेत्र इतनी वृद्धि कर रहा है यह पंचकल्याणक भी समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी होगा।
यह प्रथम दिवस महामहोत्सव की शुरुआत है आगामी आगामी 5 दिनों 23 नवंबर तक होगी विभिन्न कार्यक्रमों की आयोजना। भगवान शांतिनाथ के जीवन चरित्र पर एवं आगमिक परंपरा के आधार पर पंचकल्याणक के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। श्रेयांशगिरी का यह विशिष्ट पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह बुंदेलखंड के इतिहास में संपूर्ण देशभर के जैन जगत में ऐतिहासिक अनेक संदेशों से ओतप्रोत मंगलमयी कल्याणकारी होगा।
इस महामहोत्सव के अध्यक्ष नरेंद्र जैन गुरु कृपा सहित आयोजन समिति ने देश भर के धर्मावलंबियों से अधिक से अधिक संख्या में महोत्सव में सम्मिलित होकर धर्म लाभ अर्जित करने का निवेदन किया। आगंतुक अतिथियों के आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम स्थल पर की गई है।