श्री विद्यासागरम म्यूजियम (svs)का हुआ भव्य शिलान्यास

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हीरापुर (सागर)। परम पूज्य आचार्य श्री 108 समयसागर जी महाराज के परम आशीर्वाद से पूज्य मुनि श्री प्रबोधसागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री शैलसागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री अचलसागर जी महाराज के सान्निध्य में अनेकों सिद्धक्षेत्रों के मध्य, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रारंभिक साधना स्थली जहां आचार्यश्री जी ने प्रथम मुनि दीक्षा आचार्य श्री समय सागर जी महाराज को प्रदान की, प्रथम पंचकल्याणक महोत्सव कराया ऐसे द्रोणगिरी जी के पास एवं मुनि श्री क्षमासागर मुनि श्री सुधासागर जी महाराज आदि की क्षुल्लक दीक्षा स्थली नैनागिरि जी के समीप  हीरापुर में श्री विद्यासागरम (svs)म्यूजियम का शिलान्यास विधि विधान के साथ किया गया।
4000 फोटोग्राफ का अद्भुत संकलन होगा :
ब्र. वीरेंद्र हीरापुर ने बताया कि  श्री विद्यासागरम म्यूजियम में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवनवृत पर आधारित 4000 फोटोग्राफ का अद्भुत संकलन होगा। यह संपूर्ण परिकल्पना पूज्य निर्यापक श्रमण श्री अभयसागर जी महाराज ससंघ, पूज्य मुनि श्री अजितसागर जी महाराज ससंघ, पूज्य मुनि श्री आगमसागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री शैलसागर जी महाराज एवं एलक श्री धैर्यसागर जी महाराज के आशीष तले पल्लवित हो रही है।
कार्यक्रम मुख्य प्रतिष्ठाचार्य ब्र. संजीव भैया कटंगी, ब्र. जय निशांत भैया जी टीकमगढ़,ब्र. राकेश भैया जी सागर के द्वारा सम्पन्न कराया गया।
 इस मौके पर ब्र. सनत भैया,ब्र. शुभम भैया ,ब्र. सुनील भैया ब्र. देव भैया ,ब्र. वीरेन्द्र भैया आदि व ब्र. अर्चना दीदी ,ब्र. मंजू दीदी, ब्र. पप्पी  दीदी आदि मंचासीन रहे।
इस दौरान ध्वजारोहण करने सौभाग्य श्री अशोक जी ठेकेदार परिवार बंडा ने प्राप्त किया।
गुरु उपकार में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने भी तैयार रहें : मुनिश्री
मुनिश्री  ने प्रवचन में कहा कि मैं भी सौभाग्यशाली हूं जो आचार्यश्री जी के इस पावन कार्यक्रम में सम्मलित हुआ , जो आचार्यश्री जी की समाधि के बाद उनके उपकारों की यादगर के स्वरुप भारत में प्रथम कार्य हो रहा है। जो भी आचार्यश्री जी को मानते हैं उन सबको इस कार्य में तन- मन- धन से सहयोगी अवश्य होना चाहिए। गुरु उपकार में अपना सर्वस्व न्यौछावर करना पड़े तो कर देना चाहिए।
 इस अवसर पर श्री सुखानंद शाह,अजित जैन शिक्षक, अभय जैन ( आर्थिक प्रकोष्ठ संयोजक,, बीजेपी सागर),  गुलाबचंद जैन आदि के साथ अनेकों शास्त्री- विद्वान,हीरापुर, शाहगढ, तिगोडा, बड़ामलहरा,  भगवां,घुवारा, रामटोरिया, नरवां, अमरमऊ, मड़देवरा, बीला, बंडा दलपतपुर ,बक्सवाहा, बम्होरी, पथरिया, सापौन,सागर आदि अनेकों स्थानों के हजारों श्रावक उपस्थित रहे।
-डॉ. सुनील जैन संचय

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