श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर चौरंगी टेरेस का वेदि प्रतिष्ठा का कार्य सानंद संपन्न

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स्थानीय श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर चौरंगी टेरेस का वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव दिनांक 26 से 28 अप्रैल 2024 को बड़े धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। 35 वर्ष बाद इस मंदिर का जीर्णोद्वारा कराया गया, उस समय इस मंदिर के इर्दगिर्द करीबन 40 से 45 दिगंबर जैन परिवार निवास करते थे जो आज बढ़कर यह संख्या करीबन 350 से 400 तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में जो भी आकर बसा है उसकी सुख समृद्धि में भी कई गुना वृद्धि हुई है। समय के साथ-साथ मंदिर छोटा पड़ता गया तो इस बात को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट बोर्ड ने इस मंदिर का जीर्णोद्वारा कराया व वेदी प्रतिष्ठा भी करवाई।
वेदी प्रतिष्ठा के प्रथम दिन घट यात्रा निकाली गई। जिसमें हजारों की तादाद में नर नारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । घट यात्रा के पश्चात महिलाओं ने मंदिर में जाकर के घट जल से मंत्रोचार के साथ वेदी की शुद्धि की। सांय काल में स्थानीय कला मंदिर में 6:30 बजे से ‘संसार दर्शन’ नाटक का मंचन किया गया, जिसमें कोलकता के कोने-कोने से समाज के लोग आये व खचाखच भरे हाल में सीढीयों में बैठकर व अतिरिक्त प्लास्टिक की चेयर मैं बैठकर लोगों ने इस नाटक का आनंद लिया। इस नाटक में बताया गया कि किस प्रकार मानव संसार में भ्रमण करता है और अपना समय पैसा कमाने में व व्यर्थ की उलझनों में बर्बाद करता है। यह मानव जन्म 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मिलता है।
सभी दर्शकों ने बड़े ध्यान से व आनंद से कार्यक्रम को देखा व सराहना की तथा कहा कि ऐसे कार्यक्रम साल में तीन से चार बार होने चाहिए ताकि समाज में विशेष कर युवाओं में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आ सके।
कार्यक्रम के दूसरे दिन याग मंडल विधान पंडित कमल कुमार जी व पंडित आनंद प्रकाश जी के सानिध्य में किया गया। विधान के पश्चात सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। सांय काल में भक्ति भरे भजनों का कार्यक्रम राजस्थान प्रांत के कुचामन ग्राम से पधारे अजीत जैन द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमें समाज के व्यक्तियों ने बड़ा आनंद उठाया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन एक भव्य जुलूस श्रीजी के साथ निकाला गया। जिसमें हजारों की संख्या में नर नारियों ने भाग लिया श्रीजी की सवारी के साथ भक्तों ने बाजे गाजे के साथ नृत्य करते हुए वह भक्ति भजन करते हुए मंदिर में आकर श्रीजी को विराजमान किया उसके साथ ही प्रतिष्ठाचार्य श्री कमल कुमार जी व डॉक्टर आनंद प्रकाश जी ने मंत्रोचार के साथ मूर्तियों को छत्र, भामंडल, चंवर, सिंहासन, अष्टप्रातिहार्य, व चंदवे की स्थापना करवाई गई। उसके बाद पूजा, शांतिधारा व हवन करवाया गया। तत्पश्चात सांय काल में एक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया जिसमें, ट्रस्टी गण श्री राजेंद्र जी गंगवाल, श्री कैलाश जी जैन, श्री सुभाष जी सेठी, श्री विमल जी पाटनी, श्री मिनू जी जैन, पवन जी मोदी व सीए महेंद्र पाटनी जी ने चौरंगी समाज का धन्यवाद किया व विशेषकर प्रतिष्ठाचार्य कमल कुमार जी व डॉक्टर आनंद कुमार जी का भी अभिनंदन किया गया उसके बाद श्रीमान अजीत जी गंगवाल जो की पिछले 8 महीने से निस्वार्थ भाव से मंदिर के इंटीरियर का काम देख रहे हैं उनको भी सोल व माल्यार्पण करके स्वागत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिन-जिन व्यक्तियों का सहयोग रहा उसमें मुख्य रूप से संजीव बड़जात्या, संदीप गंगवाल, दिलीप पाटनी, विकास छाबड़ा, राकेश झांझरी, प्रवीण छाबड़ा (गब्बर), सुदर्शन सोनी, अजय बाकलीवाल, सोनू सेठी, हर्ष सेठी, अनीता गंगवाल, हीरामणि छाबड़ा, पंकज छाबड़ा, संदीप पाटनी, सुरेश सेठी (कानकी), निर्मल सेठी, वीरेंद्र बाकलीवाल, राजू काला, मनीष जैन, प्रवीण मोदी, पंकज बड़जात्या, सुरेंद्र बागड़ा, सुरेश सेठी (कांकीनाडा), ललित लुहाडिया, दिनेश गंगवाल व मीडिया पार्टनर को भी बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा योगदान दिया। उसमें मुख्य रूप से पारस चैनल, जिनवाणी चैनल, वाह जिंदगी, युवा शक्ति, सन्मार्ग, जैन जनवाणी आदि।

शेखर चंद्र पाटनी
राष्ट्रीय संवाददाता जैन गजट

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