राजेश जैन दद्दू
इंदौर
जन जन के आराध्य श्रमण संस्कृति के महामहिम परम पूज्य गुरूदेव संत शिरोमणि श्री १०८ विद्यासागर सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक, आज्ञाकारी प्रिय शिष्य जन जन के हृदय सम्राट आराध्य गुरूदेव मुनि श्री १०८ सुधा सागर जी महामुनिराज जी को आज सोमवार दिनांक 29/09/25 अशोकनगर में आयोजित वृहत राष्ट्रीय विद्वत संगोष्ठी में अखिल भारतीय विद्वत परिषद के तत्वावधान में 80 से अधिक विद्वान एवं विदुषियों के द्वारा जगत पुज्य मुनि श्री सुधा सागर जी को श्रमण शिरोमणि के नाम से उपाधि से अलंकृत किया गया । धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव ने यह उपाधि के लिए बोला की श्रमण को मैं रख लेता हूं और शिरोमणि आप लोग अपने पास रख लो। धन्य है गुरु देव गुरु देव ने अपनी मंगल देशना में हजारों की संख्या में समाज जन को संबोधित करते हुए कहा कि
मेरे गुरुदेव संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज में ने सन् 1983 में सबसे बड़े पद मुनि पद बैठा दिया था, उससे बड़ा पद दुनिया में नहीं है,और मुझे चाहिए भी नहीं। पूज्य श्री ने बोला कि मेरी सबसे बड़ी उपाधि है कि मैं संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी के चरणों की धूल हूँ।
धन्य हैं ऐसे साधना के सर्वोच्च शिखर पर विराजमान निस्पृही संत सुधा सागर महामुनि राज।
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