राजेश जैन दद्दू
भाग्योदयतीर्थ एवं गौराबाई जैन मंदिर प्रांगण में मंगल देशना
इंदौर
सागर/- श्रमण संस्कृति के उन्नायक आचार्य परम पूज्य आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभाकर श्रमण संस्कृति के महामहिम आचार्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर आदर्श रेजिडेंसी भोपाल रोड से 26 जून को सुबह 6:00 बजे सागर स्थित भाग्योदय तीर्थ के लिए हुआ,। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि सागर जैन समाज ने भव्य एवं ऐतिहासिक आगवानी कर सागर नगर को विशुद्ध मय कर दिया। इस भव्य मंगल आगवानी में डीजे गाड़ी बैंड बाजे घोड़े बग्गी एवं हजारों की संख्या में गुरु भक्तों एवं समाज जन भव्य मंगल प्रवेश शोभायात्रा में गुरु संसघ के साथ चल रहे थें। इस ऐतिहासिक भव्य मंगल प्रवेश के साक्षी बनने प्रदेश से पधारे गुरु भक्त इंदौर भोपाल विदीशा अशोक नगर टीकमगढ़ ललितपुर बंडा दमोह आदि जगह-जगह से समाज जन इस ऐतिहासिक भव्य मंगल प्रवेश के साक्षी बने।सगार समाज द्वारा भव्य मंगल प्रवेश द्वार में जगह जगह तोरण एवं अपने अपने घर द्वारो पर रंगोली एवं पाद प्रक्षालन आरती मंगल कलश लेकर भव्य मंगल आगवानी की इस भव्य आगवानी में सागर के लोकप्रिय विधायक समाज गोरव शैलेंद्र जैन भी इस भव्य मंगल प्रवेश यात्रा में आचार्य संसघ के साथ चलकर आदर्श रेजिडेंसी पहुंचकर आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया इसी के साथ भाग्योदय तीर्थ कमेटी द्वारा आचार्य श्री की भव्य आगवानी की,आचार्य श्री ने भाग्योदय स्थित जिन मंदिर के संसघ दर्शन कर,जिन मंदिर प्रांगण में निर्माणाधीन सहस्त्रकूट जिनालय का अवलोकन किया। दद्दू ने कहा कि आज की मांगलिक क्रिया का परम सोभाग्य आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन महेश बिलहरा परिवार को मिला एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य प्रमोद जैन बारदाना परिवार को, कार्यक्रम का चित्रनावरण, दीपप्रज्वलन महेश बिलहरा, कपिल मलैया, संतोष जैन घडी, संतोष पटना मनीष मोना , अतिशय जैन इंदौर एवं जैन पंचायत एवं भाग्योदय ट्रस्ट कमेटी के पदाधिकारीओं ने किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने भाग्योदय तीर्थ और सहस्त्रकूट जिनालय और आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के द्वारा जो भी उनकी प्रेरणा से कार्य हुए हैं या चल रहे हैं उन सभी को प्रगति के साथ करते रहने की जिम्मेदारी, ट्रस्ट कमेटी एवं पदाधिकारीयो एवं उनसे जुड़ें लोगों की हैं जब भी इसका जिनबिम्ब पंचकल्याणक महामहोत्सव हो तो इतिहास बनें और लोगो को इससे प्रेरणा मिलें ये आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपनी मंगल देशना में आशीर्वाद देते हुए कहा।
धर्म सभा का संचालन मुकेश जैन ढाना ने किया।
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