निम्बाहेड़ा। नगर में बिराजित दिगंबर मुनि श्री अनुपम सागर जी एवं निर्मोह सागऱ जी के सानिध्य में श्री कल्याण मंदिर विधान पूजा का आयोजन हूआ।
समाज के प्रवक्ता मनोज़ सोनी के अनुसार रविवार दोपहर को सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में अध्यक्ष अशोक गदिया एवं महामंत्री वी के जैन की अगुवाई में दव्य मुनि श्री अनुपम सागर ओर श्री निर्मोह मुनिराज ने श्री शान्तिनाथ जिनालय में श्री कल्याण मंदिर स्त्रोत्र विधान पूजा विधि विधान से सम्पन्न कराई इस अवसर पर मुनि श्री अनुपम सागर जी ने अपने प्रवचन में श्रावको को अपने जीवन में धन कमाने के साथ साथ धर्म कमाने के गुर बताते हुए कहा कि जीवन काल में कमाया धर्म ही धरा से ले जा सकते हैं। पुरुषार्थ से कमाए धन को धर्म में खर्च करने से पुण्य कमाया जा सकता हैं। मुनि श्री निर्मोह सागर जी ने कहाँ कि श्रावक ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने नोनिहालो को धर्म से जोडे, उन्हें मंदिर ओर साधु संतो के बीच लाकर संस्कारित करने पर बल देते हुए कहा कि बचपन में दिए अपने बच्चों के संस्कार ही धर्म को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे। अपने नोनिहालो को मंदिर में पूजा पाठ, प्रक्षाल अभिषेक, शास्त्र स्वाध्याय आदि क़ी प्रेरणा देने के लिए उनकी साधु संतो के प्रति समर्पण के भाव कि महती आवश्यकता हैं। रविवार को आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में मुनि श्री ने बारी बारी से श्री कल्याण मंदिर श्लोक कि विवेचना कर जिन प्रतिमाओ के समक्ष धर्मवलम्बीयो से अर्घ्य विसर्जित करवाए। कार्यक्रम में भगवान कि प्रतिमा के कलशभिषेक शांतिधारा कि प्रक्रिया भी बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धांलुओं ने धार्मिकता पूर्वक सम्पन्न कराई।