कोडरमा । शहर के शिव वाटिका में जैन समाज के धर्म गुरु जैन संत परम पूज्य वाक् केसरी आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर जी महाराज एवं नगर गौरव मुनि श्री 108 प्रांजल सागर जी महाराज ,प्रत्यक्ष सागर जी महाराज ससंघ को गाजे बाजे के साथ जूलूस के माध्यम से बड़ा मंदिर जी से शिव वाटिका जैन समाज के अनेक श्रृद्धालूओं के साथ गये जहाँ गुरुदेव का मौहरी समाज , वर्णवाल समाज , पंजाबी समाज , बह्मण समाज , बंगाली समाज , मारवाड़ी युवा मंच, प्रेरणा शाखा ., रोटरी क्लब आदि संस्थाओं ने गुरुदेव की पूजा अर्चना कर श्रीफल अर्पित किया जैन समाज के सदस्यों ने सभी शाखाओं के प्रतिनिधियों का तिलक लगा कर स्वागत अभिनंदन किया ।
कार्यक्रम में द्वीप प्रज्जवलन और चित्र अनावरण
राज छाबड़ा मंत्री
सुरेन्द्र काल कोषाध्यक्ष एवं मुख्य पुण्यार्जक सुरेश पांडया पूर्व अध्यक्ष ,सुशील छबड़ा पूर्व अध्यक्ष प्रदीप पांडया पूर्व अध्यक्ष ,सुरेश झांझरी,पूर्व उपाध्यक्ष कमल सेठी, पूर्व मंत्री
जयकुमार गंगवाल पूर्व मंत्री
ललित सेठी पूर्व मंत्री
प्रदीप छबड़ा किशोर पांडया
महिला समाज की अध्यक्षा नीलम सेठी और मंत्री आशा गंगवाल
जैन युवक समिति के अध्यक्ष – राजीव छाबड़ा एवं इस कार्यक्रम के संयोजक
लोकेश पाटोदी राहुल छाबड़ा
अभिषेक गंगवाल रोनक काशलीवाल प्रशम सेठी आदि ने किया ।
सुबोध गंगवाल ने महाराज श्री भव्य पूजन की साथ ही इस कार्यक्रम में मंच संचालन सजय छाबड़ा द्वारा किया गया साथ ही समाज के सदस्यों द्वारा गुरुदेव को श्रुत वारिधि की उपाधि भी दी गई । जिसे सुरेश झांझरी ने पढ़कर सुनाया इस कार्यक्रम में छोटे छोटे बच्चों ने भक्ति नृत्य कर पूरे समारोह में जोश भर दिया । पूज्य मुनि श्री ने अपने पूर्व जीवन घटनाओं को सभा के मध्य रखा जिसमें उन्होंने मानमल झांझरी का नाम लेकर उन्ही के धार्मिक संस्कार से ही में आज इस पद पर पहुँच पाया ।
मौके पर समाज के पदाधिकारियों ने मुनि प्रांजल सागर जी महाराज के गृहस्थ अवस्था के पिता महावीर जैन और माता कुसुम जैन को सम्मानित भी किया गया ।
पूज्य वाक् केसरी आचार्य श्री 108 विनिश्चय सागर जी महाराज ने कहा हमें समय अर्थात आत्मा को जानने की जरूरत है जिसने आत्मा को जान लिया वे मोक्ष मार्ग प्राप्त कर सकते हैं ।
हमारा शरीर नष्ट होता है जीव दव्य का कुछ नहीं होता हम सब को मोक्ष मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए ।
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