शिक्षा ही जीवन का सच्चा धन नवागढ़ गुरुकुल में गूँजे प्रेरक विचार नवागढ़। 9 सितंबर 2025, दिन मंगलवार

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प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में दमोह से सपरिवार दर्शनार्थ पधारे भूगर्भ वैज्ञानिक जो वर्तमान में तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज के यूजीसी के सदस्य, विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के काउंसलर के साथ आप ग्रामीण न्यायालय एवं नारी उत्पीड़न कमेटी में सदस्य भी हैं । अपने आचार्य विद्यासागर महाराज जी के आशीर्वाद से शिक्षा प्राप्त करते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपनी सेवाएं प्रदान की। आपके निर्देशन में कई आईएएस, आईपीएस, आईआरएस  पदों पर चयनित कई छात्रों को आपका मार्ग निर्देशन प्राप्त हुआ है ।ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी डॉ. सत्येंद्र कुमार जैन ,एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त डॉ. ब्रह्मचारिणी सारिका जैन गुना जिन्होंने परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत लेकर शिक्षण कार्य आरंभ किया। आपकी प्रतिभा, क्षमता , योग्यता एवं वक्तृत्व शैली अद्भुत एवं विलक्षण है ।आपको राज्यपाल पुरस्कार के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में विशेष पुरस्कार कई प्रदेशों से प्राप्त हुए हैं। आपको विशिष्ट शिक्षा के रूप में 2000 से अधिक अलंकरण एवं पुरस्कार प्राप्त हुए हैं ।अपने दो विषयों में स्नातक तथा तीन विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया है तथा आचार्य श्री के आशीर्वाद  एवं परम पूज्य मुनि श्री अभयसागर महाराज की मंगल प्रेरणा तथा निर्देशन में जैन धर्म के विशिष्ट ग्रंथ छहढाला पर शोध प्रबंध लिखकर डॉक्टरेट का अलंकारण प्राप्त किया है ।आपके इस दीर्घकालीन श्रम साध्य कार्य में मुनि श्री के साथ नवागढ़ गुरुकुलम के संस्थापक एवं कई पुरा सम्पदा के अन्वेषक , वरिष्ठ प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी निशांत भैया जी ने भी साहित्यिक सहयोग कर आपको अनुगृहीत किया है।
साहित्य सृजन
         ब्रह्मचारिणी डॉक्टर सारिका दीदी ने अपने दीर्घकालीन शिक्षण के अनुभव के आधार पर कई पुस्तकों का सृजन किया है । जो आज हजारों विद्यार्थियों के शिक्षण एवं लक्ष्य निर्धारण में प्रकाश स्तंभ का कार्य कर रही हैं । अभी भी आपकी कई पुस्तकें प्रकाशन की ओर हैं।
आध्यात्मिक ऊर्जा का क्षेत्र
       आपने परिवार  के साथ मनोकामना पूर्ण अतिशयकारी भगवान् अरनाथ स्वामी के पावन  दर्शन किए और भगवान् अरनाथ की दिव्य प्रतिमा को गहन भक्ति भाव से निहारा। शांत वातावरण और आस्था से परिपूर्ण इस दर्शन का उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि नवागढ़ की यह पावन भूमि केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत भी है।
     आप सभी ने गुरुकुलम् के छात्रों से भेंट की इस अवसर पर डॉ. सत्येंद्र कुमार जैन ने गुरुकुलम के बच्चों को पढ़ाई में निरंतर मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य निर्धारण के महत्व पर प्रेरक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन का वास्तविक धन है, जिसे कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने बच्चों को प्रतिदिन निश्चित समय पर अध्ययन करने और समय सारिणी का पालन करने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कठिन परिश्रम और धैर्य से ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने गुरुकुलम के बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे सदैव अपने गुरुजनों का सम्मान करें और उनके बताए मार्ग पर चलें।
 डॉ. सारिका जैन ने बच्चों को एकाग्रता, आत्मविश्वास और समय प्रबंधन के विषय में सरल और प्रभावशाली सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सही दिशा में की गई पढ़ाई बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। उन्होंने बच्चों को बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा के महत्व को समझने और समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर बाल ब्रह्मचारी जय निशांत जी भैया जी ने शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार पाने का साधन नहीं, बल्कि जीवन को संस्कारित और मूल्यवान बनाने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से मनुष्य में विवेक, धैर्य और सहनशीलता का विकास होता है।  साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का पालन करना ही सच्ची प्रगति है।
कार्यक्रम में गुरुकुलम के समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे।
       शिक्षक अनुराग जैन ने सभी का आभार किया।
 अवसर पर शिक्षक संजय जैन, विनीत जैन एवं ब्र संध्या दीदी द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का समापन गुरु वंदना और बच्चों की उल्लासपूर्ण तालियों के बीच हुआ, जिससे पूरा वातावरण शिक्षा और संस्कार की सुगंध से भर उठा। यह जानकारी प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने दी।

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