शहर में फैली गंदगी से परेशान है शहरवासी, सडक़ किनारे लगे है कूड़े के ढेर
लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है प्रभाव, विभाग नहीं ले रहा सुध
यमुनानगर, 26 जून (डा. आर. के. जैन):
जिला प्रशासन द्वारा स्वच्छता के अनेक दवे किए जा रहे है और स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है किन्तु असलियत इससे कोसों दूर है। अक्सर देखने में आता है कि शहर की सडक़ों पर कूड़े और गंदगी के ढेर लोगों को बीमार करने का कार्य कर रहे है। जिले भर में सफाई के नाम पर जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर मिलना आम होता जा रहा है। चाहे शहर मुख्य मार्ग हो, पॉश कालोनियां हो या अन्य गलियां व महोल्ला हो गदगी व कूड़े के ढेर शहरवासियों के लिये परेशानी का कारण बन रहे है। प्रशासन व विभाग द्वारा लोगों को अनेक माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है, किन्तु शहरवासी अपनी सुविधा के अनुसार कार्य करते हुए कूड़े को कहीं भी फेंक देते है और गंदगी की यह समस्या विभाग के लिये जी का जंजाल साबित हो रही है। कुछ जगह देखा जाता है कि जिला प्रशासन तो शहर को साफ सुथरा रखने के लिये अनेकों प्रसाय करता है, किन्तु विभाग अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण सभी प्रयास विफल हो जाता है। विभाग द्वारा कूड़ा एकत्र करने के लिये चलाये गये वाहनों से भी यह समस्या कम होती नजर नहीं आ रही है।
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वाहनों के आने का नहीं है कोई निश्चित समय
शहर वासी बलिन्द्र चौधरी, राजेश गढ़, पवन उप्पल, राज कुमार गौरी, हरीश कुमार, अशोक क्वात्रा, सुनीता, ममता, प्राची ठाकुर, मीनू, पूजा रानी आदि ने बताया कि विभाग द्वारा अनेक योजनायें बना कर कूड़ा एकत्र करने और शहर को साफ रखने के प्रयास किये जा रहे है, जिसमें प्रमुख रूप से कूड़ा एकत्र करने वाले वाहन चला कर घरों से कूड़ा ईकठ्ठा करने की योजना चलाई गई है, किन्तु इन वाहनोंके आने का कोई समय निश्चित नहीं है और न ही यह वाहन चालक कालोनियों में से गुजरते हुये पूरा समय ही देते है जिस कारण लोगों को मजबूरन अपने घर का कूड़ा सडक़ किनारे में डालना पड़ता है अथवा प्राईवेट कूड़ा एकत्र करने वालों को देना पड़ता है, जिसकी एवज में यह कूड़ा एकत्र करने वाले मासिक शुल्क लेते है और नगर निगम द्वारा भी कूड़ा एकत्र करने के लिए चार्ज लिया जाता है। उन्होंने बताया कि सडक़ किनारे डाले गये कूड़े को उठाने के लिये कई-कई दिन तक कोई कर्मचारी नहीं आता, और कालोलियों में सफाई नहीं होती है। कालोनियों व गलियों में गूमने वाले आवारा पशु इस कूड़े में खाने की चीजें ढूंडने के लिये इस कूड़े को पूरी सडक़ तक फैला देते है, जिससे यहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। इस कूड़े में आने वाली बदबू के कारण क्षेत्र का वातावर्ण भी दूषित होता रहता है, और कालोनियों में अनेक प्रकार की बीमारियां भी फैलती है, लोगों की सेहत का नुकसान होता है। विभाग करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर को साफ सुथरा रखने में असमर्थ है।
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गंदगी से फैल रही है बीमारियां
शहर वासी ममतेश शर्मा, नीलम दुरेजा, रंजना गुप्ता, पूजा, निधी सांगवान, ललित, सुमिल, रणजीत सिंह, निर्मल सिंह आदि का कहना है कि प्रशासन द्वारा शहर को साफ-सुथरा रखने के लिये उठाये जाने वाले कदम कोई असर नहीं दिख रहे है, जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। हर कोई कोरोना से बचने का प्रयास कर रहा है किन्तु गंदगी के ढेरों के कारण फैलने वाली बीमारियों से भी निपटना पड़ रहा है। गंदगी के कारण कई प्रकार की बीमारियां पनप रही है, जिसका छोटे बच्चों, बुजुर्गों तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर हो रहा है।
फोटो नं. 1 व 2 एच.
कालोनियों में व सडक़ किनारे पड़ा कूड़ा…….(डा. आर. के. जैन)
समाधान शिविर में प्राप्त शिकायतों का यथा शीघ्र करें निपटान. सी. टी. एम.
सप्ताह में दो दिन आयोजित हो रहे है समाधान शिविर, सोमवार व वीरवार को होगी लोगों की सुनवाई
यमुनानगर, 26 जून (डा. आर. के. जैन):
सी. टी. एम. पीयूष गुप्ता ने कहा कि समाधान शिविर में अपनी समस्याओं को लेकर आने वाले प्रत्येक प्रार्थी की समस्याओं को मौके पर ही निपटान करने का भरसक प्रयास करें, यदि कोई समस्या का समाधान दस्तावेजों या अन्य जांच पर आधारित है तब भी उसका समयबद्ध होकर जल्द निपटान करवाना सुनिश्चित करें। नगराधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशन में आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के उद्देश्य से आयोजित किए जा रहे समाधान शिविर में अब बदलाव किया गया है। अब ये शिविर सप्ताह में दो दिन सोमवार व वीरवार सुबह 10 से 12 बजे तक आयोजित किए जा रहे हैं। पूर्व की भांति जिला व उपमंडल दोनों स्तरों पर शिविर का आयोजन होगा। जिला स्तरीय समाधान शिविर जिला सचिवालय के सभागार में तथा उपमंडल स्तर के समाधान शिविर बिलासपुर, छछरौली व रादौर में स्थित एस. डी. एम. कार्यालय में आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि समाधान शिविरों का मुख्य उद्देश्य है जनता और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित करना, ताकि समस्याओं को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से सुलझाया जा सके। इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि वे एक ही स्थान पर अधिकारियों से सीधा संवाद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में चल रही इस पहल को जनता का भी भरपूर सहयोग और सराहना मिल रही है। समय पर समाधान, समर्पित अधिकारी और आमजन की भागीदारी के साथ यह शिविर आज गुड गवर्नेंस का सशक्त उदाहरण बनकर उभरे हैं। सी. टी. एम. पीयूष गुप्ता ने कहा कि समाधान शिविर में 22 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें तेलीपुरा निवासी बहादुर कुमार, खुंडेवाला निवासी निशा देवी, तेली माजरा निवासी असलम खान, यमुनानगर निवासी रमेश सिंह, पुराना हमीदा निवासी लाडो ने परिवार पहचान पत्र ठीक करवाने बारे समस्याएं रखी। सैक्टर-18 निवासी धर्मबीर काम्बोज ने अवारा पशुओं की समस्या, सडक़ की रिपेयरिंग की समस्या, स्ट्रीट लाईट, स्पीड ब्रेकर लगवाने बारे, यमुनानगर निवासी राम सिंह बी. पी. एल. राशन कार्ड बनवाने बारे, रामपुरा निवासी नरेश नंदा ने नगर निगम से संबंधित समस्या रखी। मछरौली निवासी हरिचंद ने दिव्यांग पेंशन लगवाने बारे, कांसापुर निवासी पवन कुमार ने गोहर पक्का करवाने बारे, बैंक कॉलोनी निवासी राज कुमार ने आयुष्मान कार्ड बनवाने बारे समस्या रखी। कूलपुर निवासी निर्मल सिंह ने पुलिस से संबंधित समस्या रखी। बसंत नगर निवासी बीना रानी ई. एस. आई. की पेंशन लगवाने बारे, खुंडेवाला निवासी संजय कुमार ने बरसात के पानी की, केसर नगर निवासी महिपाल ने मांस-मछली की दुकान बंद करवाने बारे समस्या रखी। इस अवसर पर डी. डी. पी. ओ. नरेन्द्र सिंह, डी. एस. पी. राजीव मिगलानी व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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लोगों की समस्याएं सुनते अधिकारी………………(डा. आर. के. जैन)