गुवाहाटी: सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा दिवस पूरे साल का एकमात्र दिन ऐसा होता है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ निकलता है।शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी गई है। यह उक्त बातें आज(शनीवार)को आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने भगवान महावीर धर्मस्थल में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा यही वजह है इस समय जाप करना सबसे महत्वपूर्ण एवं श्रेष्ठ माना गया है।इससे पूर्व आज प्रातः5 बजे आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में 28 कलश स्थापनकत्ता परिवारों द्वारा पूजन-हवन आदि कार्यक्रमों का आयोंजन किया गया।प्रचार प्रसार विभाग के मुख्य संयोजक ओमप्रकाश सेठी ने बताया कि ससंघ के कर कमलों से उपस्थित सभी बच्चों को संस्कारित किया गया। संध्याकालीन आरती संयोजक रामचंद्र सेठी के संयोजन में श्रीजी की आरती के पश्चात सामूहिक जाप हुआ।जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अपने जीवन को सफल बनाया।प्रचार प्रसार विभाग के सह- संयोजक सुनील कुमार सेठी ने बताया कि ससंघ के द्वारा संस्कारित हुए बच्चों व जाप में बैठै सभी धर्मावलंबियों ने श्वेत वस्त्र पहन कर जाप किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वर्षा योग समिति व श्री दि.जैन यूथ फेडरेशन के सभी सदस्यों का सरहानीय सहयोग रहा।।
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