शांतिनाथ जिन‌बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सिरौजा सागर

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शांतिनाथ जिन‌बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव
सिरौजा सागर
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19 नवंबर तप कल्याण महोत्सव
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तप ही सिद्धि का साधन- विशुद्ध सागर जी
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सागर (मनोज जैन नायक) सिरौजा सागर में बुंदेलखंड के इतिहास में प्रथम बार वृहद स्तर पर 16 से 21 नवंबर तक आयोजित बुंदेलखंड के प्रथमाचार्य, राष्ट्र संत, उपसर्ग विजेता, गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनि राज के पट्टाचार्य ,चर्या शिरोमणि परम पूज्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज 28 पिच्छि ससंघ मंगल सानिध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव के चौथे दिन तप कल्याण महोत्सव प्रातः कालीन बेला में मंगल प्रभात गीत, शांति मंत्र आराधना, दैनिक अभिषेक शांति धारा पूजन, हवन संपन्न हुए।
दोपहर 1:00 बजे से महाराजा विश्व सेन का दरबार, विवाह संस्कार, राज्याभिषेक, राजतिलक, 32000 राजाओं द्वारा भेंट समर्पण, 14 रत्न, 9 निधियां का वैभव शाली दर्शन, दिग्विजय यात्रा पश्चात जन्मोत्सव का आयोजन जाति स्मरण से बैराग्योत्यत्ति दीक्षाभिषेक, दीक्षा पालकी में विराजमान होकर वन की ओर प्रस्थान के अनुपम मनोहर भाव विभोर कर देने वाले दृश्यों से उपस्थित हजारों की भारी संख्या में श्रद्धालु जन धर्म की गंगा में डुबकी लगाते देखे गए।
परम पूज्य पट्टाचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महामुनि राज ने संबोधन करते हुए कहा कि तप के बिना सिद्धि नहीं होती। तप ही सिद्धि का साधन है।।
सुखी होने का उपाय – सुखी होना है, तो कर्तापन छोड़ो, भूमिका अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करो। कर्तावादी बनोगे तो कष्ट होगा, कर्तव्य का पालन करोगे तो सुकून होगा। सुखी वही रह सकता है, जो जगत की चिंता से दूर रहता है। अनुशासन प्रिय बनों, धैर्यवान बनो, कषाय से बचो , क्षमाशील बनो, परोपकारी बनो, अंतर्मुखी बनो। धन की चिंता छोड़ो, धर्म धारण करो।
इस अवसर पर संपूर्ण भारतवर्ष के कोने-कोने से अनेक प्रांतो से बड़ी संख्या में धर्मावलंबी उपस्थित थे।
महोत्सव के प्रमुख यजमान
संतोष जैन घड़ी ने देश भर से पधार रहे आगंतुक अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए स्वागत किया वही यज्ञ नायक धर्णेन्द जैन कलेक्टर उमरिया- श्रीमती सीमा जैन, सुनील जैन पूर्व विधायक,श्रेयांश जैन कार्यकारी अध्यक्ष, प्रेमचंद जी बरेठी, संतोष सिंघई बड़ा मलहरा
मुकेश जैन हीरापुर सहित भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

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