क्षमावाणी आत्म शुद्धि का पर्व है

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प्रसिद्ध समाजसेवी उत्तम कुमार पांड्या (खोरा बिसल वाले) मालवीय नगर जयपुर

फागी संवाददाता

भारतीय संस्कृति एक गोरवशाली संस्कृति है मनुष्य के जीवन में क्षमा की बड़ी आवश्यकता है सभी आपस में क्षमा भाव धारण करना सीख ले तो विश्व में सुख शांति का वातावरण तैयार हो सकेगा। क्षमावाणी हमारी वैमनस्यता, कलुषता,बैर, दुश्मनी आपस में तमाम प्रकार की टकराहटों को समाप्त कर जीवन में प्रेम , स्नेह,वात्सल्य, प्यार, आत्मीयता की धारा को बहाने का नाम है हम अपने कषायों को छोड़े, अपने बैर भाव की गांठो को खोले, बुराईयों को समाप्त करें,बदले की भावना को छोड़ कर आपस में मानव व्यवहार का अहम हिस्सा बनकर क्षमा भाव रखें। क्षमा सर्वत्र सभी के लिए हितकारी होती है,क्षया मांगना और क्षमा करना दोनों महान गुण है, जो मनुष्य को हल्का कर सुखी बनाते हैं।

राजाबाबु गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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