निर्मल. पुष्पा बिंदियाका बगरू निवासी कोलकाता प्रवासी
फागी संवाददाता
पर्यूषण पर्व एक ऐसा पर्व है जिसमें एक दूसरे को क्षमा करने से शांति प्राप्त होती है क्षमा से ही सबके दिलों को जीता जा सकता है क्षमा पना दिवस एक दूसरे को निकट लाने का पर्व है यह एक दूसरे को अपने ही समान समझने का पर्व है, यह पर्व समूचे देशवासियों को सुख शांति का संदेश देता है, क्षमा में हमें हमारे पापों से दूर करके मोक्ष मार्ग दिखाती है। क्षमा वाणी हमें झूकने की प्रेरणा देती है मनुष्य को किसी की गलतियां या अपराध का प्रतिकार नहीं करना चाहिए , क्षमा का अर्थ सहनशीलता भी है, क्षमा कर देना बहुत बड़ी क्षमता का परिचायक है , इसलिए नीति में कहा गया है कि क्षमा वीरस्य भूषणं अर्थात क्षमा वीरों का आभूषण है। अतः हर व्यक्ति को मिलनसार रहकर शांतिमय जीवन व्यतीत करना चाहिए।
राजाबाबु गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान