क्षमा का असली अर्थ साहस, कायरता नही

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क्षमा का असली अर्थ साहस, कायरता नही

कोलकाता तेघरिया –
क्षमा का वास्तविक रूप आज समाज को समझना बेहद जरूरी हैं बहुत से लोग इसे डर,कमजोरी या समझौते की भाषा समझ लेते है लेकिन असल में क्षमा किसी कायरता का नाम नहीं है उक्त विचार श्री महावीर जैन( कोलकाता) ने दिया

महावीर जी ने कहा क्षमा तभी सच्ची होती है जब हम पूरी शक्ति रखते हुऐ भी किसी को नुकसान न पहुंचाकर उसे माफ करने का विकल्प चुनते है यही आत्मबल है यही वीरता हैं क्षमा का अर्थ है अपने क्रोध और प्रतिशोध पर नियंत्रण। यह साधारण लोगों का काम नहीं यह केवल साहसी और मजबूत व्यक्तियों की पहचान है

आज सुबह से ही श्री सुमतिनाथ जिन चैत्यालय तेघरिया कोलकाता में भक्तों का तांता लगा हुआ था सुबह अभिषेक -शांतिधारा,पूजन और क्षमावाणी का पूजन-विधान पंडित सुलभ जी जैन के सानिध्य में किया गया

सामूहिक क्षमावाणी में सभी ने बड़े ही विनम्र भावों से एक दूसरे से क्षमा याचना की

अल्पाहार के बाद क्षमावाणी पर्व का समापन किया गया

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