श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ, गुन्सी (राज.) की पावन धरा पर विराजमान श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। माताजी के मुखारविंद से भगवान की स्तुति आराधना की गई। तत्पश्चात् श्री शांतिनाथ चैत्यालय में आज की शांतिधारा करने का सौभाग्य अनिल शाह मोहनबाड़ी, जयपुर , प्रहलाद जैन झिलाई एवं महावीर प्रसाद पहाड़िया झिलाई वालों ने प्राप्त किया। तत्पश्चात गुरुमाँ की उपवास के उपरांत पारणा निर्विघ्न सम्पन्न कराने का सौभाग्य प्रकाश छाबडा जयपुर, सुमित्रा छाबडा जयपुर, शांतिलाल अजमेरा जयपुर, अनिल शाह जयपुर, मंजू देवी शाह जयपुर, शिमला जैन निवाई, महेश मोटूका वाले निवाई वालों ने प्राप्त किया।
प्रवचन सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म का सदुपदेश देते हुए कहा कि-जिस तरह थोड़ी सी औषधि भयंकर रोगों को शांत कर देती है। उसी तरह ईश्वर की थोड़ी सी स्तुति बहुत से कष्ट और दुःखों का नाश कर देती है। भगवान की स्तुति करना भक्त का परम कर्तव्य है। कर्तव्य पालन बिना मुक्ति संभव नहीं है।
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