गुवाहाटी: राम, बलराम, भीम बलवान होते हुए भी उनमें सहनशीलता थी क्योंकि बलवान का सहनशील होना जरूरी है ।सहनशील हमेशा जीत कर जवाब देता हैं, जीभ से कभी नहीं। इसलिए जीवन में मनुष्य को हमेशा सहनशील होकर पुरुसार्थी बनना चाहिए, कायर नहीं। जीवन में जिसने भी मान अपमान से ऊपर उठकर अगर समता भाव अपना लिया तो जीत उसी की होती है। यह उक्त बातें आज बुधवार को आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ने धर्म सभा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार डायरी का एक पेज खराब होने पर डायरी को ना फेंकते हुए उस खराब पेज को निकाल देना समझदारी होती है, उसी प्रकार मन, वचन, काया से अपने द्वारा व दूसरों के किए कार्य को सहना ही बलवान का गुण होता है। जीवन में आत्म हत्या कभी नहीं करनी चाहिए। यह कायरों का काम है क्योंकि जीवन में आई विपरीत परिस्थितियां हमारे कर्मों के परिणाम होते हैं, उन्हें झेलना भी चाहिए। पुष्प प्रमुख वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि आचार्य श्री ससंघ के पावन सान्निध्य में दशलक्षण महापर्व के अवसर पर 19 से 28 सितम्बर तक इसी स्थल में मौन संस्कार साधना शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी समाज के प्रचार प्रसार विभाग के सहसंयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।