एस. डी. एम. छछरौली ने खदरी स्कूल का किया औचक निरीक्षण

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बच्चों को पढ़ाई फिजिक्स, प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे दिया मार्गदर्शन
यमुनानगर, 1 मई (डा. आर. के. जैन):
खंड छछरौली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खदरी में एस. डी. एम. छछरौली रोहित कुमार ने औचक निरीक्षण कया। उन्होंने अध्यापक हाजिरी रजिस्टर, सफाई व्यवस्था व अन्य गतिविधियों की जानकारी लेने उपरांत लगभग सभी क्लासों में जाकर बच्चों से उनके सिलेबस व पढ़ाई बारे पूछताछ की। उन्होंने दो पीरियड लगातार 12 कक्षा विज्ञान संकाय की क्लास को स्मार्ट बोर्ड पर फिजिक्स पढ़ाई और बच्चों को गृह कार्य भी दिया। दसवीं क्लास में ब्लैकबोर्ड पर गणित के सवाल बच्चों से करवाए। 12 कक्षा के वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय के बच्चों को जीवन में अच्छा बनने, अच्छी पढ़ाई करने व प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने बारे उचित मार्गदर्शन भी दिया। विद्यालय मुखिया गोबिंद सिंह भाटिया के आग्रह पर 9 वीं व 11 वीं कक्षाओं में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। स्कूल कार्यालय में सभी अध्यापकों की बैठक भी ली। विद्यालय में साफ सफाई की उचित व्यवस्था, अन्य गतिविधियों एवं अन्य व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए अध्यापकों को सरकारी स्कूल में नामांकन बढ़ाने, अच्छा परिणाम लाने और अपना कार्य ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से निभाने बारे प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं दी। इनके साथ खंड शिक्षा अधिकारी छछरौली डा. रमेश कुमार भी उपस्थित रहे।
फोटो नं. 1 एच.
विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते एस. डी. एम……………….(डा. आर. के. जैन)

महिला मंडल ने किया गन्ने के रस का वितरण
निस्वार्थ भाव से की गई मानव सेवा ही है सबसे उच्च सेवा-दीपा
यमुनानगर, 1 मई (डा. आर. के. जैन):
श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर रैस्ट हाऊस रोड की महिला मंडल द्वारा अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर स्टेशन चौक पर गन्ने के रस की क्षबील वितरण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान मगन माला जैन ने की तथा संचालन कोषाध्यक्ष मंजू जैन ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ णमोकार महामंत्र का उच्चारण कर किया गया और अक्षय तृतीया के पर सभी के लिये सुख, शांति, समृद्धि, साधना, संस्कार आदि के लिए प्रभु से कामना की गई। दीपा जैन ने कहा कि इस प्रकार के समाज सेवा कार्य किया जाना हर प्रकार से शुभ सिद्ध होता है, क्योंकि इस प्रकार से जरूरतमंद व्यक्तियों की सेवा का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में निस्वार्थ भाव से मानव सेवा को ही सबसे उच्च सेवा कहा गया है और समाज में बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें दो वक्त रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है, ऐसे में क्षबील, लंगर-भण्डारों का महत्व और भी बढ़ जाता है। भावना जैन ने जानकारी देते हुये कहा कि भारतीय संस्कृति में वैशाख शुक्ल तृतीया का बहुत बड़ा महत्व है, इसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। जैन दर्शन में इसे श्रमण संस्कृति के साथ युग का प्रारम्भ माना जाता है। भगवान आदिनाथ इस युग के प्रारंभ में प्रथम जैन तीर्थंकर हुए। राजा आदिनाथ को राज्य भोगते हुए जब जीवन से वैराग्य हो गया तो उन्होंने जैन धर्म की दीक्षा ली तथा 6 महीने का उपवास लेकर तपस्या की। 6 माह बाद जब उनकी तपस्या के बाद वैशाख शुल्क तीज अक्षय तृतीया के दिन मुनि आदिनाथ जब विहार करते हुए हस्तिनापुर पहुंचे, तो हस्तिनापुर में मुनि आदिनाथ को प्रथम आहार गन्ने का रस का दिया गया। जैन दर्शन में अक्षय तृतीया का बहुत बड़ा महत्व है और जैन श्रावक इस दिन गन्ने का रस दान करते हैं। महामंत्री सुमन जैन ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान सभी के लिये मंदिर की महिला मंडल द्वारा रेलवे स्टेशन चौक पर गन्ने का रस निकालने वाली मशीन लगा कर छबील का वितरण किया गया। जिसकों लगभग 1000 लोगों ने ग्रहण किया। इस अवसर पर सुलोचना जैन, बिमला जैन, कविता जैन, ऊमा जैन, अनीता जैन, ललिता जैन, पूनम जैन, स्नेह लाता जैन, शालिनी जैन, रेखा जैन, नीतू जैन, साधना जैन, नीरू जैन, पिन्की जैन, मोनिका जैन आदि ने सहयोग दिया।
फोटो नं. 2 एच.
गन्ने का रस वितरित करती महिला मंडल की पदाधिकारी……………(डा. आर. के. जैन)

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