भारत गौरव गणिनी आर्यिका विज्ञा श्री माताजी का हुआ भव्य पिच्छिका परिवर्तन व सहस्रकूट विज्ञातीर्थ जिनालय का हुआ भव्य शुभारम्
सवाईमाधोपुर समाज ने गुरु मां को पुरातत्व रक्षिका की उपाधि से नवाजा गया
निवाई/गुन्सी
श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी (निवाई) राजस्थान में प. पू. राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज की सुविज्ञ शिष्या प. पू. भारत गौरव गणिनी आर्यिका रत्न 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ के पावन सान्निध्य में गुरु माँ की प्रेरणा से नवनिर्मित सहस्रकूट विज्ञातीर्थ के 108 फुट उत्तुंग कलशाकार भव्य जिनालय का पंच सिद्धक्षेत्रों की रज से पूरित 1008 ताम्र कलशों द्वारा शुभारंभ एवं पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव का कार्यक्रम निर्विघ्न हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ, कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए कहा कि उक्त कार्यक्रम की शुरुआत नव देवताओं के प्रतीक रूप नौ ध्वजारोहणों के साथ हुई। अष्ट देवियों के प्रतीक स्वरूप अष्ट महिला मंडलों द्वारा अष्ट दिशाओं में अष्ट ध्वजाएं फहराई गई एवं मुख्य ध्वजारोहण करने का अवसर जितेंद्र जी जैन मालवीय नगर जयपुर वालों को प्राप्त हुआ । चित्राअनावरण करने का अवसर सतीश जी काला मालवीय नगर जयपुर व दीप प्रज्जवलन करने का अवसर ताराचन्द जी ज्योति नगर जयपुर वालों को मिला । कार्यक्रम में निवाई , सवाईमाधोपुर समाज की महिला मंडल ने नृत्य के माध्यम से सुंदर मंगलाचरण की प्रस्तुति दी , सहस्रकूंट जिनालय की नींव में मुख्य कलश स्थापित करने का अवसर श्रीमान सतीश जी काला मालवीय नगर जयपुर वालों ने प्राप्त किया । स्वर्ण शिला रखने का मौका लोकेश जी जैन महावीर नगर कोटा वालों ने प्राप्त किया । रजत शिला रखने का अवसर डॉ साधना जैन गोदिका मालवीय नगर जयपुर वालों ने प्राप्त किया , प्रथम रजत ईंट बसन्त कुमार- बीना देवी बाकलीवाल गायत्री नगर महारानी फार्म जयपुर ने विराजमान करने का सोभाग्य प्राप्त किया।इस अवसर पर अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुये। भक्तों द्वारा आर्यिका संघ को नवीन पिच्छिकायें प्रदान की गयी । कमण्डल , शास्त्र व वस्त्र भेंट करके भी सभी ने पुण्यार्जन किया । गुरु माँ को नवीन पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य विजेंद्र जी जैन लालकोठी जयपुर वालों को प्राप्त हुआ । पाद – प्रक्षालन करने का सौभाग्य सकल समाज विवेक विहार जयपुर वालों को मिला ,कमण्डल भेंट करने का पुण्यार्जन कँवरपाल जी जयपुर वालों ने प्राप्त किया संघस्थ बालब्रह्मचारिणी रुचि दीदी ने बताया कि सवाईमाधोपुर समाज ने गुरु माँ को पुरातत्व रक्षिका की उपाधि से विभूषित किया । इस अवसर पर माताजी ने कहा कि – पिच्छिका परिवर्तन के अवसर पर पंच परावर्तन छोड़ने हेतु हृदय परिवर्तन करना है । मिथ्यात्व का सम्यक रूप , अविरति का विरति रूप , कषाय का अकषाय रूप , योग का अयोग रूप अर्थात बंध कराने वाले हेतुओं का परिवर्तन करो , नकारात्मक सोच का परिवर्तन कर सकारात्मक सोच को अपनाओ,ज्ञान के बिना व्यवस्था बिगड़ गई । यदि हम व्यवस्थित हो जाएं तो व्यवस्थाओं की जरूरत नहीं पड़ेगी ,मंगल कलश जहाँ होता है वहाँ जंगल में भी मंगल हो जाता है । माताजी ने कहा कि नींव में दिया गया दान सबसे महान होता है , उक्त कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य पंडित विमल कुमार जैन बनेठा वालों के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोचारणों के बीच सम्पन्न हुआ, उक्त कार्यक्रम का मंच संचालन जैन समाज के मंत्री महावीर प्रसाद पराणा ने किया, कार्यक्रम में अग्रवाल समाज चोरासी के अध्यक्ष अनिल जैन, उपाध्यक्ष महेंद्र जैन,सुनिल भाणजा, महेंद्र चंवरिया, विमल जौला, नरेश बनेठा, जीवराज जैन गोहाटी, प्रकाश जैन, दीपक लुहाडिया, संजय सोगानी, विमल सोगानी, शुभम जैन,फागी अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा,वरिष्ठ एडवोकेट विनोद जैन चकवाड़ा तथा जैन गजट के राजाबाबु गोधा सहित अनेक गणमान्य जनों ने कार्यकम में शिरकत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई,गोधा ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि क्षेत्रिय सांसद सुखवीर सिंह जोनापुरिया तथा टोंक जिला प्रमुख सरोज -नरेश बंसल थे।इस कार्यक्रम में लगभग 40 स्थानों सहित पूरे भारतवर्ष से भक्तगण सम्मिलित हुए।
राजाबाबु गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान