नैनवा 3 अगस्त शनिवार 2024
शांति वीर धर्म स्थल पर जैनाचार्य श्रुतेश सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया कि मनुष्य को सदैव अच्छे सत्कर्म करना चाहिए इन कर्मों के करने से अपनी आत्मा सदैव पवित्र संस्कारीत बनी रहती है संसार के सभी प्राणियों की अपनी-अपनी अलग पहचान होना मुनि ने बताया
जो जैसा कार्य करने लगा उसे उसी नाम से ही लोग संबोधित करने लगे
धोबी कपड़ा धोने का कार्य करने लगा मोची जूता ठीक करता है दर्जी कपड़े की सिलाई करता है ठीक उसी प्रकार सत्य वचन सत्कर्म प्राणी मात्र का कल्याण का मार्ग बताने वाले इस संसार में सत्पुरुष साधुओं की अलग-अलग अनोखी पहचान है
मुनि ने बताया कि जो व्यक्ति हिंसा करने व कराने में अनुमोदन करने का भी मन में विचार करता है सोचता है निश्चित रूप से नरक का बध प्राप्त होता है
किसी से छल कपट वस्तु में मिलावट करके बेचना ऐसा करने वाला जीव भी तियच गति में गति में भटकते रहते हैं
इस मनुष्य पर्याय का आयु का बांध कब आ जाए किसी को पता नहीं मनुष्य भव मिला है इसमें प्रभु की भक्ति परोपकार की भावना गरीबों के प्रति दया भाव रखना ही मनुष्य का बहुत बड़ा गुण मुनि ने बताया
मनुष्य जन्म मिला है सत्कर्म करने के लिए
छुल्लक सुप्रकाश सागरजी महाराज ने बताया
नैनवा नगर में 10 जिनालयों बने हुए हैं इस पर मुनि ने बताया कि नैनवा नगर के पहले भी व्यक्ति बहुत धर्मात्मा थे जिनके घरों के बाहर निकलते ही मंदिर और जिनालय लोगों ने बना रखे थे यह एक धर्म का बहुत बड़ा मुनि ने प्रमाण बताया
मुनि ने बताया कि मनुष्य जन्म का मिलना बहुत मुश्किल है उसमें उच्च जाति जैन धर्म संपन्न परिवार यह सब पुण्य के प्रभाव से मिलते हैं मनुष्य जीवन ना मिलकर अगर किसी जानवर की योनि में हम चले जाते गाय भैंस बकरी आदि बन जाते तो हमारी पर्याय और मनुष्य पर्याय में कितना फर्क हो जाता हम जंगल जंगल पटकते फिरते भूख प्यास काटते कितनी वेदना आज जानवर कर रहे हैं और मनुष्य पर्याय सबसे उत्तम पर्याय मुनि ने बताई
आज धर्म सभा से पूर्व मंगलाचरण चित्र अनावरण दीप प्रज्वलित मुनि का पाद पक्षालन सैष्टि कैलाश चंद जी जैन देई वाले परिवार ने प्राप्त किया
सभी परिवार जनों का समिति द्वारा स्वागत सम्मान तिलक माला पगड़ी पहनाकर किया गया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर कुमार सरावगी