बेजोड़ थे आचार्यश्री : आर्यिका स्वस्तिभूषण
बारां, राजस्थान। जैन नसिया, बारां राजस्थान में परम पूज्या , गणिनी आर्यिका रत्न स्वस्ति भूषण माता जी के ससंघ सान्निध्य में 8 मार्च 2024 को परम पूज्य राष्ट्रसंत, सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज गुरु उपकार समारोह भव्यता के साथ मनाया गया।
प्रातः बेला में सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज चरण छत्री के पास आचार्यश्री की पूजन, चालीसा, आरती भक्ति भाव के साथ की गई दोपहर में 1 बजे से आचार्यश्री के प्रति अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे। ब्र. जयकुमार जी निशान्त भैया, डॉ डी राकेश भैया जी सागर, ब्र अनिता दीदी जी, डॉ संजीव सराफ सागर, डॉ सुनील संचय ललितपुर, वीरचन्द्र जैन, मनीष विद्यार्थी शाहगढ़, अंकित शास्त्री आदि विद्वानों, त्यागी व्रतियों ने आचार्यश्री के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। मुरैना, कोटा, झालरापाटन तथा बारां, नवागढ़ कमेटी के अनेक भक्तों ने भी अपने विचार रखे। अनेक वक्ताओं ने अपने संस्मरण साझा किए। संचालन ब्र. मनीष भैया जी व यशभानु जैन द्वारा किया गया।
महिला मंडल बारां के द्वारा सजाई गई द्रव्य सामग्री द्वारा आचार्यश्री की पूजा की गई।
इस मौके पर आर्यिका स्वस्ति भूषण माता जी ने कहा कि आचार्यश्री वहाँ से सोचना शुरू करते थे जहाँ हमारी सोच खत्म हो जाती है। वह सबको जोड़ लेते थे और स्वयं जुड़ जाते थे। आचार्यश्री बेजोड़ थे। वह जलते हुए दीपक थे जहाँ भी जाते थे उजाला कर देते थे। उनके आदर्शों पर चलने के लिए हम सभी संकल्पित हों।
इस मौके पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
-डॉ सुनील जैन संचय, ललितपुर