संयुक्त परिवार के साथ रहने से मैत्री भाव बढ़ता है

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आचार्य 108 सुनील सागर जी महाराज
5 जून बुधवार 2024
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा
किशनगढ़
शांतिनाथ भगवान का जन्म तप मोक्ष कल्याणक नाथ दिगंबर जैन इंदिरा नगर में मनाया गया
आचार्य श्री सुनील सागर महाराज के संग में पूर्णिमा दीदी ने जानकारी देते हुए जैन गजट को बताया
परिवार का साथ है तो आप सुरक्षित
संयुक्त परिवार-दाम्पत्य संस्कार विषय पर आचार्यश्री सुनील सागर महाराज के विशेष उद्बोधन
मदनगंज-किशनगढ़। आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ने कहा कि इंसान जब तक सुरक्षित है जब तक वह परिवार के साथ जुड़ा हुआ है। परिवार के सदस्यों में जुड़ाव की समस्या से विखंडन का कारण है। जुड़ाव होने के बाद भी यदि परिवार के सदस्य दूर है तो परिवार बिखराव की ओर अग्रसर हो जाता है। एकांकी जीवन जीने वालों को ही परिवार की कीमत का पता होता है। परिवार को बिखरने वालों से सावधान और दूर रहना चाहिए।
श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत की ओर से वीर सागर स्मृति भवन (जैन भवन) में ग्रीष्मकालीन वाचना 2024 के तहत पांचवे दिन संयुक्त परिवार-दाम्पत्य संस्कार विषय पर विशेष उद्बोधन देते हुए कहा कि आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ने कहा कि बेटे के साथ-साथ बेटियों भी कीमती है। बेटों के मुकाबले बेटियां बहुमूल्य है। ऐसे में बेटियों को भी सब सुविधाओं और शिक्षा देने में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए। बेटियां स्वयं के परिवार के साथ-साथ दूसरे घर को संस्कारवान और सुंस्कारित बना सकती है। मानव को अणुव्रत का पालन करते हुए जीवन जीना चाहिए। भगवान से डरने के बजाय भव-भव के परिभ्रमण और पाप से हमेशा डरना चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि रिश्ते हमेशा सलामत रहने चाहिए। रिश्तों से ही परिवार, समाज और देश में जुड़ाव की राह प्रशस्त होती है। रिश्तों के घटते स्तर पर आचार्यश्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि मां को वर्तमान में मम्मी, माॅम और पिता को भी वर्तमान में डेड कर दिया है। जीवन में शरीर ही वास्तविक श्रृंगार है उस पर बाहरी सजावट की कोई आवश्यकता नहीं है। सजावट के नाम पर सुशील और सौम्य होना चाहिए। शरीर को सुंदर बनाने को कोई बाहरी पैमाना नहीं है। आचार्यश्री ने कहा कि धन से ज्यादा कीमती होता है रिश्ते। रिश्तों में मिठास जरूरी है। गृहस्थों की शोभा परिवार से होती है और परिवार की शोभा बच्चों से होती है। नवीन जोड़ों और परिवार को नए जीव को आत्मीय स्वागत करना चाहिए। नए जीव की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। गृहस्थी का सही तरीके से निर्माण होना चाहिए। समाज की रीढ़ संयुक्त परिवार है। ऐसे में एकल परिवार के बजाय संयुक्त परिवार को हमेशा महत्ता देना चाहिए। यदि परिवार के सदस्य दूर है तो भी सदस्यों को आपसी जुड़ाव हमेशा रहना चाहिए। वर्तमान में युवाओं में बढ़ते सुसाइड मामलों पर आचार्यश्री ने कहा कि परिवार के सदस्यों द्वारा बेटे-बेटियों को शिक्षा या नौकरी के नाम पर परिवार से दूर रखना और उससे लगातार जुड़ाव नहीं रखने से ही युवा हताश और एकांकी हो रहे है। जीवन में वास्तविक रिश्तों की आवश्यकता है ना कि सोशल मीडिया के रिश्तों की। मिट्टी के मटके और परिवार की कीमत केवल बनाने को ही पता होती है, तोड़ने वाले को पता नहीं होती है। परिवार के सदस्यों को भी साथ नहीं छोड़ने की शपथ लेते हुए उसकी जीवन भर पालना करनी चाहिए। परिवार के सदस्यों में आपसी सहयोग और विश्वास होना चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि वर्तमान दौर में 20-25 वर्ष के बीच ही बच्चों के विवाह कर देना चाहिए। बच्चों को दूसरे परिवार से जोड़ते समय भी अपने परिवार से जुड़ाव रखने वाले परिवार से ही रिश्ता करना चाहिए। दो परिवारों के रिश्तों में जुड़ाव के दौरान व्यापक ध्यान देना चाहिए। इससे पूर्व चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, आचार्यश्री सुनील सागर महाराज का पाद पक्षालन, शास्त्र भेंट और महाआरती करने का सौभाग्य माणकचंद, पदमचंद गंगवाल परिवार कड़ैल वाले को मिला। इस दौरान जैन समाज के अनेक लोग मौजूद थे।
रिश्तों को बचाने के दिए टिप्स
पति-पत्नी को रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए रिश्तों की अहमियत समझने चाहिए। परिवार में पारदर्शिता रखते हुए आपसी विश्वास को बढ़ावा देना चाहिए। धर्म व धार्मिक परिवार सौभाग्य से मिलता है। तीर्थस्थलों की यात्रा भी परिवार के साथ अवश्य करें। बच्चों को भी अपनी छोटी-मोटी समस्या परिवार से शेयर करना सीखना चाहिए। रिश्तों में धर्म-ध्यान के लिए जगह अवश्य होनी चाहिए। प्रवचन के दौरान मौजूद जैन समाज के जोड़ों को 5 अणुव्रतों की पालना पर जोर दिया।
तीसरी संतान वाले परिवारों का सम्मान
जैन भवन में प्रवचन के दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से 2010 के बाद तीसरी संतान को जन्म देने वाले परिवारों का सम्मान किया गया। मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष विनोद पाटनी, मंत्री सुभाष बड़जात्या आर,के मार्बल समूह के चेयरमैन अशोक पाटनी एवं मुनिसुव्रतनाथ पंचायत के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा ओर से परिवारों को सम्मान किया गया। आचार्यश्री सुनील सागर महाराज ने भी जैन समाज के लोगों से कम से कम 2-3 संतान अवश्य करने पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों को भी देश, समाज व धर्म की रक्षा के प्रेरित करने का मंगलमयी आशीर्वाद दिया।
फोटोः

1008 श्री शांतिनाथ भगवान के जन्म तप मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया।
मदनगंज किशनगढ़
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर इंदिरा नगर में बुधवार को 1008 श्री शांतिनाथ भगवान के जन्म तप मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया।
कार्यकारिणी सदस्य अमित बाकलीवाल ने बताया कि सकल दिगंबर जैन समाज इंदिरा नगर द्वारा मुरली वाला टावर पर आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज ससंघ की अगवानी की गई। मुरली वाला टावर से आचार्य सुनील सागर जी महाराज ससंघ की बैंड बाजे से मंदिर तक बैंड की मधुर लहरियो पर नाचते गाते, जयकारो के साथ श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे। जगह-जगह रास्ते में पाद पक्षालन एवं आरती की गई
मंदिर अध्यक्ष विमल पाटनी ने बताया किआचार्य सुनील सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में पंचामृत अभिषेक शांति धारा करने का सौभाग्य अशोक कुमार अनुराग कुमार हर्ष पापल्या परिवार एवं राजमल आशीष जैन परिवार को मिला तत्पश्चात मूलनायक शांतिनाथ भगवान के जन्म, तप, मोक्ष कल्याण पर निर्वाण कांड पाठ पढ़ाते हुए निर्वाण मोदक चढ़ाया गया। मुनि श्री शुभम सागर महाराज द्वारा मंगल उपदेश दिया गया। व आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने शांतिनाथ भगवान की महिमा बताते हुए सभी को मंगलमय आशीर्वाद दिया। इस दौरान पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी साहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

 

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