संयम सौरव साधना जिनको करें प्रणाम

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* त्याग तपस्या तीर्थ का विद्यासागर नाम*
कुंडलपुर ।सुप्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र जैन तीर्थ कुंडलपुर में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समता पूर्वक समाधि पर एक विनयांजलि सभा का आयोजन स्थानीय विद्या भवन में हुआ। जिनके नाम से यह भवन जाना जाता है, जिस भवन में जिनकी मंगल वाणी सुनकर असंख्यात प्राणियों ने कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया ।आज हम सभी उनकी उत्कृष्ट समाधि पूर्ण होने पर इसी विद्या भवन में विनयांजलि करने एकत्र हुए हैं। जिनके नाम से मुरझाए चेहरे खिल जाते हैं, जिनके अनंत उपकार हैं ,हमें धर्म की राह दिखाने वाले गुरुवर आज हमारे बीच नहीं है ।ऐसे विचार विनयांजलि सभा में ब्रह्मचारिणी राजुल दीदी, सुनीता दीदी, हेमा दीदी कर्नाटक ,लक्ष्मी दीदी ,डॉ राजेंद्र जी विदिशा ,डॉक्टर संतोष जी ,ब्रह्मचारी डालचंद बड़कुल पटेरा ,ब्रह्मचारी वीरेंद्र हरपालपुर, उदयचंद्र कुंडलपुर, रविंद्र जैन मोतीलाल जैन प्रबंधन आदि ने विनयांजलि व्यक्त की ।कार्यक्रम का संचालन अनिल पुजारी ने किया। कुंडलपुर समाज की अच्छी उपस्थिति रही।

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