श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर, सूरजमल विहार में परम पूज्य पुष्पगिरी प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज के शिष्य परम पूज्य संस्कार प्रणेता, ज्ञानोपयोगी, जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्रोत आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में 12 से 14 अगस्त तक वास्तु एवं ज्योतिष संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसके मुख्य संयोजक ज्योतिषाचार्य श्री रवि जैन गुरुजी एवं वास्तुविद देवेंद्र जैन सिंघई जी रहे, सहसंयोजक वास्तुविद श्री आशीष सिंघई एवं पंडित विमल जैन शास्त्री रहे, तथा मंच संचालन पंडित सन्दीप जैन सजल जी ने किया।
इसमें वास्तुविद रमेश दुग्गड़ दिल्ली, पंकज जैन इंदौर, आलोक जैन इंदौर, मनोज जैन, सुशील जैन इंदौर. बा. ब्र.अरुण भैया उज्जैन, एम के जैन इंदौर, प्रदीप जैनी दिल्ली, डॉ सोनिका जैन मोदीनगर, प्रो टीकम चन्द जैन दिल्ली, डॉ अरविन्द जैन दिल्ली, डॉ हुकुमचंद जैन ग्वालियर, कमल जैन साहिबाबाद, ए के जैन, सपना जैन,सुमेर चन्द जैन दिल्ली, डी के जैन दिल्ली, विकास जैन ग्वालियर, पं. अशोक जैन धीरज दिल्ली, जैन विनोद जैन दिल्ली,आदि देश के अनेक स्थानों से वास्तुविद एवं ज्योतिषाचार्यों ने अपने विचार रखे।
आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज ने इस अवसर पर कहा के हमारे ग्रंथो में जैन ज्योतिष और वास्तु का भंडार है, आवश्यकता है उस खजाने को पब्लिक तक पहुंचाने की है और ज्योतिषाचार्य और वास्तु विद्वानों का यह प्रयास समाज से भ्रांतियों को दूर करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
मंदिर जी के प्रधान श्री संजीव जैन, महामंत्री श्री रमेश जैन, उपमंत्री श्री अविनाश जैन जी ने बताया कि इस अवसर पर श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी जैन आगम के अनुसार समाधान किया गया इस अवसर पर भारी संख्या में जनसमूह उपस्थित हुआ और जैन धर्म की अनुपम कृति “जैन ज्योतिष” को जाना और समझा।
कार्यक्रम के समापन पर रवि जैन गुरुजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि ज्योतिष एक पवित्र विषय है और इसे अपनाकर हम अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों को काफी कम कर सकते हैं, जिस प्रकार वर्षा के दिनों में एक छाता हमें बारिश से बचाव करता है ठीक इसी प्रकार ज्योतिष विषय भी हमारे आने वाले अपशकुन और दुखों से हमें काफी हद तक बचा सकती है।
कार्यक्रम के समापन पर “वर्षा योग समिति” ने एवं सभी ज्योतिष आचार्य एवं वास्तु विद्वानों का तिलक, माला, मोमेंटो एवं गिफ्ट आदि से सम्मान किया गया।