संसार से विदा होना स्वाभाविक क्रिया है -आचार्य वसुनंदी

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बोलखेड़ा (मनोज नायक) जिस प्रकार भगवान महावीर के चले जाने पर इंद्रभूति व गौतम गणधर को भी विकल्प हुआ था इसी प्रकार आर्यिका पदम नंदनी के संसार से चले जाने पर आप भक्तों को विकल्प हो सकता है। यह एक स्वाभाविक क्रिया है कि जिससे हमारा लगाव है,मन मे श्रद्धा,भक्ति का भाव है उसके प्रति विकल्प आता है। किंतु विकल्प असद न होकर सद होना चाहिये और यही दिवंगत के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है। उक्त उद्गार जम्बूस्वामी की तपोस्थली बोलखेड़ा पर आयोजित पदम् नंदनी माताजी की विनियांजली सभा मे आचार्य वसुनंदी महाराज ने व्यक्त किये।
आचार्य श्री ने कहा कि संसार मे आवागमन तो लगा रहता है लेकिन जो कुछ पद चिन्ह छोड़ कर जाता है जीवन उसी का सार्थक होता है। कर चलो कुछ ऐसे कार्य जो चले जाने के बाद भी याद किये जाओ।सन्तो को किसी क्षेत्र या व्यक्ति विशेष से लगाव नही होता उन्हें तो अपनी आत्मा के कल्याण से लगाव होता है।अनवरत रूप से वे मोक्ष मार्ग की ओर प्रवत्त रहते हुए संयम साधना में रत रहते हैं। विनियांजली सभा का प्रारम्भ ललिता दीदी होडल के मंगलाचरण से हुआ तो आर्यिका पदम नंदनी माताजी के चित्र के समक्ष धर्म प्रभावना संस्था,धर्म जागृति संस्थान व जम्बूस्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा के पदाधिकारियों ने अर्ध समर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया।
सभा मे क्षुल्लक विषंक सागर महाराज,आर्यिका वर्धस्व नंदनी माताजी,मुनि प्रज्ञानंद महाराज ने माताजी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 30 नवम्बर 2008 को धार्मिक संस्कारो से ओत प्रोत हटा दमोह की बेटी प्रीति गुरुवर के आशीष से सीकरी की धरा पर आर्यिका पदमनंदनी बन जैनत्व के ध्वज को आगे बढ़ा रही थी।
सभा का संचालन करते हुए धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां ने कहा कि आर्यिका पदम् नंदी माताजी स्पष्ट वक्ता के साथ द्रढ़ता पूर्वक अपनी बात कहने की क्षमता रखती थी, उनका वात्सल्य अपने भक्तों के प्रति बड़ा ही अनूठा था।
विनियांजली सभा मे देवेंद्र जैन गौतम पुरी, विराग जैन यमुना पार,प्रमोद जैन,अमित जैन शंकरनगर,राजेन्द्र जैन सोनिया नगर,पिंटू जैन जुरहरा,रमेश चन्द्र गर्ग जैन बोलखेड़ा ने भी माताजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माताजी का व्यक्तित्व सार गर्भित था।आम व्यक्ति की सोच का दायरा होता है किंतु सन्तो की सोच तो दरिया होती है।उनके अधूरे सपने को पूर्ण करने का संकल्प भी लिया गया। इस अवसर पर सत्यार्थी मीडिया की मासिक पत्रिका का विमोचन भी किया गया। सभा के अंत मे उपस्थित लोगों ने मौन श्रद्धांजलि भी दी। सभा मे बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
नेमीश्वर धाम जुरहरा में विनियांजली सभा जुरहरा जैन समाज के अध्यक्ष महेंद्र जैन के अनुसार जुरहरा स्थित निर्माणाधीन नेमीश्वर धाम में भी विनियांजली सभा का आयोजन कर आर्यिका पदमनंदनी माताजी के अधूरे सपने को पूर्ण करने का संकल्प धर्म प्रभावना समिति दिल्ली व स्थानीय समाज द्वारा लिया गया तो वक्ताओं ने कहा कि माताजी ने जुरहरा गांव को धाम बना दिया। सभी की आंखे नम नजर आयी।

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