आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज
कोटा
आर के पुरम त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में विराजमान आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज ने विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुवे कहा कि संसार के सभी जीवो के प्रति मैत्री भाव बनाए रखिए। “मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवो पर नित्य रहे दिन दुखी जीवो पर मेरे उर से करुणा स्तोत्र बहे”। अर्थात दिन दुखी जीवो के प्रति सदैव करुणा भाव हृदय में रखना चाहिए।
घृणा भाव आपको घृणित बनाता है मैत्री भाव अंतर्मन में प्रेम जगाता है। संसार में बुरा कोई नहीं है आपकी उसके प्रति गलत धारणा सोच ही उसको भला बुरा बनाती है। मानव की जैसी सोच होती है वैसा ही उसका जीवन बन जाता है। जिस प्राणी का मन परमात्मा की भक्ति में लग गया वो निकट भव्य है और जिनका मन मंदिर जाने के बाद भी भगवान की पूजा, पाठ, स्तुति, ध्यान, जाप में नहीं लगता वो निकट भव्य नहीं है उस प्राणी का संसार परिभ्रमण अभी बाकी है। यह बात सार्वभौमिक सत्य है जिसको नकारा नहीं जा सकता। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन महामंत्री अनुज गोधा ओर कोषाध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने बताया कि सुबह आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में अभिषेक ओर विश्व में के भाव से महाशांतिधारा की गई । राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि एवं कार्यांध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि आज मंगल दीप प्रज्वलन पाद प्रक्षालन एवं मां जिनवाणी समर्पित करने का सौभाग्य श्रीमति शांतिदेवी जैन विनय प्रवीण जय कुमार दिनेश विपिन शुद्धात्म जैन सांगोद वाले परिवारजन को मिला।मंदिर समिति के उपाध्यक्ष लोकेश बरमुंडा ने बताया कि दिनांक 4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 30 मिनिट पर आचार्य श्री ससंघ का आर के पुरम त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर से महावीर नगर विस्तार योजना जैन मंदिर के लिए मंगल बिहार होगा। सायंकाल गुरु भक्ति एवं आनंद यात्रा आयोजित होगी। धर्मसभा में सकल दिगंबर जैन समाज समिति के अध्यक्ष विमल जैन नान्ता महामंत्री विनोद जैन टोरडी राजमल पाटौदी जे के जैन प्रकाश बज जीतू डूंगरवाल पंकज जैन भाग चंद मित्तल मुकेश जैन राजकुमार जैन उपस्थित थे।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा
9414764980