समोवशरण से होती है सुख एवं मोक्ष की प्राप्ति

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मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज , एवं मुनि शीलसागर जी स संघ के पावन सानिध्य में चित्रकूट कॉलोनी सांगानेर में आठ दिवसीय कल्पदुम महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का झंडा रोहण के साथ हुआ भव्य शुभारंभ

समोवशरण से होती है सुख एवं मोक्ष की प्राप्ति

मुनि समत्व सागर

फागी संवाददाता

जयपुर । 18 नवम्बर। सांगानेर थाना सर्किल के चित्रकूट कॉलोनी स्थित श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समत्व सागर महाराज एवं मुनि शील सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में आठ दिवसीय कल्पद्रुम महामण्डल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का झंडारोहण के साथ भव्य शुभारंभ हुआ, कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि कार्यक्रम में 101 सौभाग्यवति‌ महिलाओं द्वारा बेन्ड बाजों के साथ भव्य घट यात्रा निकाली गई कार्यक्रम में मंदिर समिति के मंत्री अनिल जैन काशीपुरा ने बताया कि इससे पूर्व सुबह मंदिर में अभिषेक, पूजा के बाद मुनिश्री की अगुवाई में भव्य श्री जी पालकी में विराजमान कर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो टोंक रोड, मियाँ बजाज गली, फ़ूल कॉलोनी होते हुए कार्यक्रम स्थल कँवर का बाग राजग्रही नगर में जाकर धर्म सभा में परिवर्तित हुई कार्यक्रम में जुलूस में भगवान के त्रयोदशी जिनालय के साथ हाथी, घोड़ा, बग्गी के साथ पालकी लेकर केसरिया वस्त्र धारण किए श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाकर नाच गाने करते हुए भक्ति कर रहे थे । जुलूस मार्ग में जगह -जगह जैन धर्मावलम्बियों द्वारा मुनि श्री का पाद प्रक्षालन व मंगल आरती की गई कार्यक्रम में अध्यक्ष केवल चंद गंगवाल ने बताया कि विधान स्थल पर विधि विधान से शान्ति देवी, अशोक सोगानी द्वारा झण्डारोहण किया गया । पाण्डाल का लोकार्पण कमल जैन झांझरी द्वारा किया गया, कार्यक्रम में मुनि समत्व सागर महाराज ने प्रवचन अपने मंगलमय उद्धबोधन में श्रृद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन दर्शन में चौबीस तीर्थंकरों के समोवशरण का वर्णन है तथा समोवशरण से ही जिन शासन का प्रादुर्भाव होता है, तीर्थों की स्थापना होती है। उन्होंने कहा कि समोवशरण में मंगल भावना से जिनेंद्र भगवान की आराधना करने से न केवल जीवन में उत्कर्ष्टता आती है बल्कि जीवन धन्य हो जाता है जिससे असीम सुखों के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है, कार्यक्रम में इससे पूर्व विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा समोवशरण में भगवान को विराजमान कर अभिषेक, शांति धारा की गई। सरलीकरण के साथ विधान की क्रियाएँ संपन्न की गई । विधानाचार्य विकर्ष शास्त्री के सानिध्य में विधान के चक्रवर्ती कैलाश चन्द – राजेश देवी सोगानी, सौधर्म इन्द्र मूलचन्द – शांति देवी पाटनी, धनपति कुबेर केवल चन्द – संतोष देवी गंगवाल, महायज्ञ नायक पदम चन्द – चन्द्र कांता सिंघल के नेतृत्व में विधान की प्रारंभिक पूजन की गईं,उक्त कार्यक्रम में मुनि समत्व सागर महाराज के पावन सानिध्य में कमलादेवी, कैलाश चंद सोगानी परिवार की और से निर्मित धर्मार्थ औषधालय का भी लोकार्पण किया गया संयोजक ओमप्रकाश कटारिया ने बताया कि विधान में मंगलवार से अभिषेक, शांतिधारा के बाद विधान प्रारंभ होगा तथा मुनिश्री के प्रवचन होंगे । शाम को महा आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे,
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष बाबूलाल बिलाला एवं कोषाध्यक्ष सत्य प्रकाश कासलीवाल के मुताबिक विधान पूजा में मंगलवार 19 नवम्बर से मंगलवार 26 नवम्बर तक प्रातः अभिषेक, शांतिधारा, विधान पूजा, मुनि द्वय के मंगल प्रवचन होगे। सायंकाल 6 बजे से गुरूभक्ति,आरती ,प्रवचन ,सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिनमें महिला मण्डल एवं नवयुवक मण्डल के सदस्यों द्वारा नृत्य, नाटक आदि की प्रस्तुति दी जाएगी। प्रचार प्रभारी विनोद जैन कोटखावदा एवं महावीर सुरेन्द्र जैन के मुताबिक बुधवार, 27 नवम्बर को
विधान का समापन, विश्व शांति महायज्ञ विर्सजन के बाद मंदिरजी तक विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी तत्पश्चात श्री जी को वेदी में विराजमान किया जाएगा। विधान में बैठने एवं बाहर से पधारने वाले सभी अतिथियों एवं आगुन्तुको के लिए वात्सल्य भोजन की व्यवस्था रखी गई है।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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