झारखंड के महामहिम राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने सम्मेदशिखर जी स्थित तमिलनाडु जैन भवन में चल रहे ‘लघु पंचकल्याणक’ में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने बक्तव्य में कहा कि-‘सम्मेदशिखर जी जैन समाज के लिए सबसे अहम तीर्थ स्थल है। जैन परम्परा के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहाँ मोक्ष व निर्वाण प्राप्त किया।
समस्त जैन समाज का सबसे प्रमुख तीर्थस्थल सम्मेदशिखर तीर्थ पर झारखंड राज्य के महामहिम राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने अपने दो दिवसीय गिरिडीह प्रवास के क्रम में शुक्रवार को गिरिडीह स्थित तमिलनाडु जैन भवन जाकर ‘लघु पंचकल्याणक’ में भाग लेते हुए कहा कि ‘सम्मेदशिखर जी जैन समाज के लिए सबसे अहम तीर्थ स्थल है। उन्होंने कहा कि पारसनाथ स्थल परिसर शिक्षा व ध्यान का भी महत्वपूर्ण केन्द्र है। राज्यपाल महोदय ने कहा इस पवित्र स्थल में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने कहा कि यह पारसनाथ व मधुबन अपने धार्मिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थल है। राज्यपाल महोदय ने पारसनाथ में तमिलनाडु भवन निर्मित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी ट्रस्टी एवं इस भवन के निर्माण में सहयोग करने वाले सभी सदस्यों को बधाई दी।
जानकारी देते हुए राजकुमार अजमेरा कोडरमा एवं संदीप जैन रांची ने बताया कि राज्यपाल महोदय ने उक्त अवसर पर तमिलनाडु से इस कार्यक्रम में भाग लेने हेतु आये हुए सभी लोगों को बधाई व शुभकामनाएं दी। राज्यपाल महोदय ने तमिल भाषा व संस्कृति को अत्यन्त समृद्ध बताते हुए कहा कि तमिल साहित्य के महाकाव्यों में जैन मुनियों का उल्लेखनीय योगदान है।
उन्होंने तिरुपुर के निकट स्थित विजयमंगलम जैन मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उस क्षेत्र का प्राचीनतम जैन मंदिर है। उक्त अवसर पर आचार्य श्री संभव सागर महाराज ने भी आशीर्वचन प्रकट करते हुए मानव शरीर एवं आत्मा के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डाला।
विदित हो कि राज्यपाल महोदय गुरुवार को सड़क मार्ग से विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु गिरिडीह पहुँचे थे।