णमो जिणाणं
वीर प्रभु की कृपा, और मेरे पूज्य माता-पिता, मेरे सभी गुरुजनों और मेरे मार्गदर्शक गुरुजनों के आशीर्वाद से, मुझे Leiden University, Netherlands द्वारा आयोजित Society for Asian and Comparative Philosophy (SACP) के 57वें वार्षिक सम्मेलन में, प्रतिष्ठित विद्वानों के साथ “Applications of Anekāntavāda for a More Humane World” विषयक पैनल का हिस्सा होने और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर “Anekāntavāda : An Application of Universal Democracy” पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ । मेरा दृढ़ विश्वास है कि मेरे गुरुओं के ज्ञानवर्धक मार्गदर्शन और आशीर्वाद से ही मैं जैन दर्शन की शाश्वत सिद्धांतों को प्रासंगिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर सका ।

वीर प्रभु की कृपा, और मेरे पूज्य माता-पिता, मेरे सभी गुरुजनों और मेरे मार्गदर्शक गुरुजनों के आशीर्वाद से, मुझे Leiden University, Netherlands द्वारा आयोजित Society for Asian and Comparative Philosophy (SACP) के 57वें वार्षिक सम्मेलन में, प्रतिष्ठित विद्वानों के साथ “Applications of Anekāntavāda for a More Humane World” विषयक पैनल का हिस्सा होने और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर “Anekāntavāda : An Application of Universal Democracy” पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ । मेरा दृढ़ विश्वास है कि मेरे गुरुओं के ज्ञानवर्धक मार्गदर्शन और आशीर्वाद से ही मैं जैन दर्शन की शाश्वत सिद्धांतों को प्रासंगिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर सका ।
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सधन्यवाद