सभी स्कूलों के संचालक, स्टाफ की जांच की जाए, स्कूलों में तैनात प्रत्येक आरोपियों को तत्काल हटाया जाए, स्कूल बसों व वैन में कैमरे लगवाए जाए

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जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने सोमवार को प्रदेश के राज्यपाल, कार्यवाहक मुख्यमंत्री, शिक्षा निदेशक और अधिकारियों सहित राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर प्रदेशभर के स्कूलों में बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं पर चिता जाहिर करते हुए मांग की है की सभी स्कूलों के संचालक, स्टाफ की जांच की जाए, स्कूलों में तैनात प्रत्येक आरोपियों को तत्काल हटाया जाए, स्कूल बसों व वैन में कैमरे लगवाए जाए सहित स्कूल बसों व वैन की सड़क दुर्घटनाएं भी अत्याधिक बढ़ने पर लगाम लगाने की मांग की गई है।

संगठन प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की झोटवाड़ा के कांटा चौराहे के शांति जूनियर स्कूल को लेकर जिस प्रकार से अभिभावक ने जानकारी दी वह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल खड़े करती है। अभिभावक ने बताया की बच्ची से गैंगरेप करने वाले आरोपी अब्दुल मजीद को स्कूल संचालक और प्रिंसिपल का संरक्षण था, अभिभावक ने स्कूल में शिकायत दर्ज करवाई तो स्कूल प्रशासन कार्यवाही करने की बजाय अभिभावक को डरा – धमका रहे थे और समझोता करने का दबाव बना रहे थे जो बेहद निंदनीय कृत्य है ऐसी स्थिति में स्कूल संचालक, प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ की गंभीरता से भूमिका की जांच होनी चाहिए। अगर स्कूल संचालक शिक्षा को छोड़कर आरोपियों को संरक्षण देकर अपराध की घटनाओं को बढ़ावा देने की शिक्षा देगे तो प्रदेश ना शिक्षा का संरक्षण होगा ना संस्कारों का संरक्षण होगा, स्कूल शिक्षा का वह मंदिर जहां ज्ञान और संस्कार बांटे जाते है और शिक्षकों को गुरु का दर्जा दिया जाता है अगर वही गुरु अपराधियों का संरक्षक करे तो वह गुरु नही राक्षस होता है ऐसे में स्कूलों में राक्षसों की नही गुरुओं और इंसानों की जरूरत है।

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की प्रदेश के निजी स्कूल हो या सरकारी स्कूल हो सभी जगहों पर बच्चियां असुरक्षित है, पूर्व में भी अनगिनत बार बच्चियों की सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन को पत्र लिखे, ज्ञापन दिए किंतु ठोस कार्यवाही आजतक नही हुई। लगातार हो रही घटनाओं के बाद हमे नोटिस किया की प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल संचालक, प्रिंसिपल और तैनात पूरे स्टाफ की जांच होनी चाहिए, जिस किसी पर भी कोई आरोप निकलकर सामने आता है उसे तत्काल स्कूल से हटाया जाए, स्कूलों की बसों और वैन में कैमरे और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाए सहित स्कूलों द्वारा हायर की गई बसों और वैन ड्राइवरों की भी जांच की जाए और आरोपी को सभी स्कूलों से हटाया जाए।

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